face shield and contactless wristbands

ग्रेटर नोएडा : वैश्विक महामारी बन चुका कोरोना वायरस का अब तक कोई इलाज इजात न मिल पाना पूरी दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद भी शिक्षण संस्थानों में स्थिति सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल व कॉलेज भेजते हुए डरेंगे। इसको देखते हुए शिक्षण संस्थान कोरोना महामारी से बचाव के लिए आगे आ रहे हैं। ग्रेटर नोएडा स्थित शिक्षण संस्थानो ने इसको लेकर अपने स्तर से व्यवस्था करनी शुरु कर दी है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित एनआईईटी ने इस बीमारी से बचाव के लिए प्रभावी उपकरण फेसमास्क, फेसशील्ड तथा कांटैक्टलेस रिस्टबैंड विकसित किए हैं। इन सभी उपकरणों को संस्थान में स्थित पीटीसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की रिवर्स इंजीनियरिंग तथा रैपिड प्रोटोटाइपिंग प्रयोगशालाओं में थ्रीडी प्रिटिंग तथा पीटीसी क्रिओ सॉफ्टवेयर की सहायता से शिक्षकों के द्वारा निर्मित किया गया है। इसके अलावा प्रबंधन ने इस पर भी मंथन शुरु कर दिया है कि शिक्षण संस्थान खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन कैसे किया जाएगा। संस्थान के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा ने बताया कि जहां पूरा वि कोविड-19 से परेशान हैं, ऐसे में संस्थान के द्वारा विकसित यह उपकरण इस महामारी से बचाव की दिशा में प्रभावी एवं निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। विकसित किए गए उपकरणों की विशेषता यह है कि इन्हें सैनिटाइज करके पुन: प्रयोग में लाया जा सकता है,जिससे इनके उपयोग की लागत को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। फेसमास्क के फिल्टर तथा फेसशील्ड की पॉलीकाबरेनेट या एसीटेट (सेल्यूलोस) शीट को आसानी से बदला जा सकता है,जो कि बाजार में आसानी से उपलब्ध भी है। उन्होंने बताया कि कांटैक्टलेस रिस्टबैंड को केवल सैनिटाइज करने की आवश्यकता होगी। फेसमास्क तथा फेसशील्ड जहां आंख, नाक एवं मुंह के द्वारा होने वाले संक्रमण को रोकने में सहायक होंगे, वहीं कांटैक्टलेस रिस्टबैंड के प्रयोग से हाथ से छूए जाने वाले दरवाजे के हैंडल, लिफ्ट के बटन, एटीएम आदि के स्पर्श से होने वाले संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है। उन्होंने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों पर जब भी शिक्षण संस्थान खुलेंगे, छात्र- छात्राओं को कोविड-19 वायरस के बारे में जागरूक किया जाएगा।

सीएल मौर्य