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ग्रेटर नोएडा: जेवर में बनाने वाले  की स्थापना के लिए इसी माह के अंत तक ग्लोबल बिड की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसमें भारतीय कंपनियों के अलावा विदेशी कंपनियां भी बिड डाल सकती हैं। प्रदेश की कैबिनेट ने बिड डाक्यूमेंट को हरी झंडी देकर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। केंद्र सरकार भी एक सप्ताह के अंदर अपनी मंजूरी देकर वापस प्रदेश सरकार के पास भेज देगी। प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) कंपनी को पीपीपी मॉडल पर एयरपोर्ट का विकास करने, डेवलपर का चयन करने तथा एयरपोर्ट का विकास करने के अलावा जमीन को 90 साल के लिए लाइसेंस पर देने के अधिकृत कर दिया है।

नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर गत सात दिसम्बर को हुई प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। प्रदेश सरकार ने नियाल के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह को बहुत सारे अधिकार दिये हैं। जिसमें डेवलपर की तलाश को लेकर भूमि प्रबंधन के कार्य सौंपे हैं। एयरपोर्ट के लिए बिड ग्लोबल होगी। जिसमें आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के 136 देश बिड में शामिल हो सकते हैं। ओईसीडी का मुख्यालय पेरिस में है। ओईसीडी में विश्व के विकसित 136 देश शामिल हैं।

ग्लोबल टेंडर डालने वाली विदेशी कंपनियों को भी उसके पूरे अनुभव को शामिल किया जाएगा। कुछ प्रदेश सरकारें विदेशी कंपनियों के कुल वर्षो के अनुभव का सिर्फ आधा अनुभव ही बिड की शतरे में शामिल करते हैं। जिसके चलते विदेशी कंपनियां पिछड़ जाती हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूरा अनुभव शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इससे जाहिर है कि एयरपोर्ट के लिए ग्लोबल कंपनियां बिड में शामिल होंगी। विदेशी कंपनियों के आने से एयरपोर्ट विस्तरीय का बन सकेगा।

नियाल के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डेवलपर को 90 साल का लाइसेंस दिया जाएगा। बिड में शामिल होने के लिए अभी तक यूके, जर्मन, स्पेन, स्विटजरलैंड समेत कई देशों की कंपनियां संपर्क कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से अनुमति मिलते ही माह के अंत तक बिड डाउनलोड कर दी जाएगी।

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