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ग्रेटर नोएडा: रविवार को ग्रेटर नोएडा के नॉलेजपार्क स्थित शारदा अस्पताल के मार्केटिंग विभाग द्वारा उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति के सदस्यों (सपरिवार) के लिए शारदा अस्पताल में एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम तथा फ्री मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड समिति के करीब 150 सदस्यों ने भाग लिया। मेडिकल कैंप के अंतर्गत बड़ी संख्या में उपस्थित सदस्यों ने मुफ्त में ब्लड टेस्ट तथा ECG टेस्ट करवाया।

इससे पहले स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सदस्यों को अस्पताल के छठे फ्लोर पर स्थित लेक्चर हॉल में दो विशेषज्ञ डॉक्टरों डॉ. विकास भारद्वाज (न्यूरोसर्जन) और डॉ. अशोक गुप्ता (कार्डियो सर्जन) ने न्यूरो तथा हार्ट से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इस बीच उपस्थित सदस्यों ने विशेषज्ञ डोक्टरों से हार्ट एवं ब्रेन सम्बन्धी कई प्रश्न पूछे। एक सदस्य में डॉ. अशोक गुप्ता से पूछा कि कार्डिय अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर होता है। इसके जवाब में डॉ. अशोक ने बताया कि माइनर ब्लॉकेज या तीन आर्टरी में से एक या दो आर्टरीज में ब्लॉकेज होने को हार्ट अटैक कहा जाता है। इसमें मरीज को संभलने का मौका मिल जाता है। और समय पर उपचार मिल जाने से मरीज ठीक हो सकता है। जबकि कार्डिय अरेस्ट एक तरह से 100% ब्लॉकेज वाला हार्ट अटैक है। जिसमे मरीज को सँभलने का बहुत कम समय मिल पता है। यानी तुरंत आवश्यक उपचार से ही मरीज को बचाया जा सकता है।

कुछ लोगों ने डॉ. विकास से ब्रेन स्ट्रोक के बारे में पूछा। इस पर डॉ. विकास ने बताया कि अगर मनुष्य के दिमाग को 3 मिनट तक ऑक्सीजन न मिले तो ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है।

इसीबीच एक सदस्य की मांग पर डॉ. अशोक ने हार्ट अटैक आने पर फर्स्ट ऐड (प्राथमिक उपचार) में क्या करना चाहिए इसका लाइव डैमो दिखाया।

इसके लिए उन्होंने उपस्थित सदस्यों में से एक को मेज पर पीठ के बल लिटाया। तथा उसकी चेस्ट को (बाईं ओर) दोनों हाथों से जोर जोर से दबाया। उन्होंने बताया कि इस प्रकिया को लगातार तब तक करते रहना चाहिए जबतक कि मरीज सांस वापस न चलने लगे। डॉ. अशोक ने बताया कि इस तरह से हार्ट अटैक से मारे इन्सान को भी जिन्दा किया जा सकता है। जिसका लाइव विडियो नीचे देखें.

 

इसके अलावा कई लोगों ने डॉ. अशोक से पूछा कि हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। तथा किस उम्र के लोगों को यह समस्या ज्यादा होती है।

इसके जवाब में डॉ. अशोक ने बताया कि वैसे तो हार्ट अटैक आने की कोई उम्र निर्धारित नहीं है। परन्तु 40 वर्ष के बाद सभी लोगों को सावधानी बरनते की आवश्यकता है। इसके लिए साल में एक बार स्वास्थ्य जांच जरुर करवाए। तथा खानपान पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा योग और व्यायाम भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें। खानपान के बारे में उनका कहना था कि हमेशा सीजनल फ्रूट्स तथा सब्जियां ही खाएं। तथा देसी घी या सरसों का तेल ही खाने में इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद रहता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जंकफ़ूड से हमेशा दूर रहें और एक बार इस्तेमाल में लाया गया तेल दुबारा गरम करके कभी भी प्रयोग में नही लाना चाहिए।

हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम के बाद संस्था के आगामी 3 नवम्बर को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में सरस्वती वंदना के लिए संस्था की बालिकाओं का ऑडिशन भी किया गया। संस्था द्वारा बनाये गए तीन जजों के पैनल द्वारा सरस्वती वंदना के लिए दो बालिकाओं का चयन किया गया।

इस कार्यक्रम के लिए शारदा अस्पताल की मार्केटिंग टीम व प्रबंधन द्वारा उत्तराखण्ड के सभी सदस्यों के लिए ट्रांसपोर्टेशन के साथ-साथ दिन के भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष जे.पी.एस. रावत ने शारदा अस्पताल की मार्केटिंग टीम व प्रबंधन को धन्यवाद एवं बधाई दी। अंत में शारदा अस्पताल के मार्केटिंग विभाग के नीरज वैष्णव ने उपस्थित सभी सदस्यों का आभार किया तथा शारदा अस्पताल में किसी भी प्रकार की सहायता संपर्क करने को कहा।