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ग्रेटर नोएडा: युमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में प्रस्तावित जेवर ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बचाने के लिए यमुना प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास जारी हैं। हालाँकि जेवर एयरपोर्ट के लिए बनाई नोडल एजेंसी तथा जिला प्रशासन में तालमेल की कमी भी नजर आ रही है। जिसके चलते अभी तक केवल 1300 किसानों की मात्र 503 हेक्टेयर जमीन पर ही सहमति मिल पायी है।

मालूम हो कि प्रस्तावित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जब तक किसान इस प्रोजेक्ट के लिए जरुरी कुल जमीन की 70% जमीन प्राधिकरण को सौंपने पर अपनी सहमति नहीं दे देते, तब तक जमीन अधिग्रहण करना मुश्किल है। कुछ किसान अभी भी मौजूदा सर्किल रेट से चार गुना मुआवजे की सरकार से मांग कर रहे है।

ज्ञात हो कि इस प्रक्रिया के लिए प्राधिकरण और प्रभावित किसानों को आज यानि 31 अगस्त 2018 तक का समय दिया गया था। जिसके अनुसार अगर प्राधिकरण व प्रशासन 70% किसानों की सहमति लेने में नाकाम रहते हैं, तो ऐसी अवस्था में जेवर एयरपोर्ट परियोजना खटाई में पड़ जाएगी। और प्रदेश सरकार प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट को जमीन अधिग्रहण में बाधा के कारण रद कर किसी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट कर सकती है।

परन्तु 31 अगस्त तक प्रशासन व प्राधिकरण को केवल 1300 किसानों की ही सहमति मिल पायी है। जिसके चलते मात्र 503 हेक्टेयर जमीन ही मिल पायेगी। आज जिला प्रशासन ने किसानों की सहमति हासिल करने के लिए छह सितम्बर तक और समय बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन व प्राधिकरण अगले एक सप्ताह में कितने किसानों की सहमति हासिल कर पाता है।