Noida International Airport Bhoomi pujan of the country's largest air cargo terminal

ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश को लैंड लॉक फ्री स्टेट के रूप में विकसित करते हुए वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य हासिल करने में जुटे सीएम योगी के प्रयासों को अब और बल मिला है। एयर इंडिया और सैट्स के ज्वॉइंट वेंचर एयर इंडिया सैट्स (एआईएसएटीएस) की एसपीवी (स्पेशल परपस वेहिकल) एआईएसएटीएस नोएडा कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर में अपने अत्याधुनिक मल्टी-मॉडल कार्गो हब (एमएमसीएच) के लिए भूमिपूजन किया है।

यह अत्याधुनिक मल्टी-मॉडल कार्गो हब परंपरा और आधुनिकता के सम्मिश्रण के साथ भारतीय एयर कार्गो और लॉजिस्टिक सप्लाई चेन सेक्टर को स्मार्ट, सहज, स्केलेबल और सुरक्षित समाधान प्रदान करने का वादा करता है। उल्लेखनीय है कि नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट में बन रहा इंटीग्रेटेड कार्गो टर्मिनल और लॉजिस्टिक पार्क सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह न केवल राज्य को पूरे देश से जोड़ेगा, बल्कि यह आसियान देशों और प्रस्तावित भारत-यूएई यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कंपनी ने फरवरी माह में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश सरकार के साथ 5 हजार करोड़ का एक एमओयू साइन किया था। इसमें एक एमओयू इंटीग्रेटेड कार्गो लाइनर के लिए था और दूसरा लॉजिस्टिक पार्क बनाने को लेकर था। इसी में कंपनी ने अपने पहले एमओयू को धरातल पर उतारते हुए एयर कार्गो का भूमि पूजन संपन्न किया है। पहले चरण में कंपनी कुल 1200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जिसमें से कंपनी अब तक 456 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी है। कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत तक इस मल्टी मॉडल कार्गो हब को तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। संभावना है कि 2024 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मल्टी मॉडल कार्गो हब का भी शुभारंभ कर सकते हैं। भूमिपूजन में एआई सैट्स, वाईआईएपीएल और टाटा प्रोजेक्ट्स के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।

कई गुना तक बढ़ जाएगा यूपी का एक्सपोर्ट

यह मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल 37 एकड़ में बन रहा है। इससे बड़ा कार्गो टर्मिनल अब तक नहीं बना है। इसके जरिए पूरे यूपी का एक्सपोर्ट कई गुना तक बढ़ जाएगा। यूपी का एग्रो मार्केट, ओडीओपी मार्केट, एमएसएमई मार्केट दुनिया के मार्केट से कनेक्ट हो सकेगा। बाहर से लोग यहां से माल मंगा सकेंगे। आसियान देशों को इसका लाभ मिलेगा और वो भी एयर कार्गो के माध्यम से यूपी के मार्केट से प्रोडक्ट्स को इंपोर्ट कर सकेंगे। इसके साथ ही भारत-यूएई यूरोप के बीच बनने वाले इकॉनमिक कॉरिडोर से भी काफी लाभ होगा। इसके माध्यम से यूपी को यूएई और यूरोप से भी जुड़ने में मदद मिलेगी। सामान्य शब्दों में कहें तो यूपी की ग्रोथ में यह कार्गो ग्रोथ इंजन के रूप में काम करेगा। यह यूपी के लैंड लॉक स्टेट के स्टेटस को तोड़ देगा और प्रदेश का बहुआयामी विकास सुनिश्चित करेगा। यह आसपास के क्षेत्रों जैसे नॉर्थ इंडिया, ईस्ट इंडिया के साथ ही ईस्ट एशिया को भी कवर करेगा।