Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की लापरवाही के चलते 20 बिल्डर प्रोजेक्टों के लगभग 4000 फ्लैटों की खरीदारों के नाम रजिस्ट्री अटकी हुई है, जबकि बिल्डरों की तरफ से इन फ्लैटों के एवज में प्राधिकरण का बकाया भुगतान कर दिया गया है। प्राधिकरण की तरफ से भी इन फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए अप्रूवल दे दी गई है, फिर भी रजिस्ट्री न होने से खरीदार इन फ्लैटों का मालिकाना हक पाने से वंचित हैं।
प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर इन फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण दफ्तर में लगातार शिविर भी लगाया गया। इसके बावजूद कई बिल्डरों ने फ्लैटों की रजिस्ट्री में कोई दिलचस्पी नहीं ली। इसके चलते अब प्राधिकरण ने खरीदारों को इसकी जानकारी देने के लिए प्रोजेक्टवार सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित की है। साथ ही वेबसाइट भी अपलोड करा दी है। प्राधिकरण ने इन बिल्डरों को चेतावनी दी है कि अगर इन फ्लैटों की खरीदारों के नाम शीघ्र रजिस्ट्री नहीं कराई तो आवंटन/लीजडीड की शर्तों और रेरा के प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, बिल्डर प्रोजेक्टों में अपनी गाढ़ी कमाई लगा चुके फ्लैट खरीदारों को उनका आशियाना दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भवन/टावर वाइज कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी करने समेत कई राहत भरे प्रावधान कर रखा है। खरीदारों को फायदा भी मिला है। बिल्डर जैसे-जैसे भवनों का निर्माण करते जाते हैं, वैसे-वैसे कार्यपूर्ति व रजिस्ट्री की अनुमति लेकर खरीदारों के नाम रजिस्ट्री भी की जा रही है, लेकिन कई बिल्डर अब भी इस काम में लापरवाही बरत रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से करीब 20 बिल्डर परियोजनाओं के 4000 फ्लैटों के लिए भवन/टावर वाइज कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र और सबलीज डीड/रजिस्ट्री कराने की अनुमति दी गई है, लेकिन बिल्डर खरीदारों के नाम रजिस्ट्री नहीं कर रहे, जबकि खरीदारों की सुविधा को देखते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल पर प्राधिकरण दफ्तर परिसर में रजिस्ट्री के लिए नियमित रूप से शिविर भी लगाया जा रहा है। खरीदारों तक इन फ्लैटों के बारे में जानकारी पहुंचाने के लिए अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से परियोजनावार सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित कराई गई है। इसके साथ ही वेबसाइट पर भी अपलोड कराई गई है।
प्राधिकरण की तरफ से इन बिल्डरों को चेतावनी दी है कि अगर इन फ्लैटों की खरीदारों के नाम शीघ्र रजिस्ट्री नहीं कराई तो आवंटन/लीजडीड की शर्तों और रेरा के प्रावधानों के अनुुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेष्वरी ने का कहना है कि खरीदारों को उनका हक दिलाने के लिए प्राधिकरण हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने खरीदारों से भी अपील की है कि जिन परियोजनाओं को कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र और रजिस्ट्री कर दी गई है अगर उनमें उनके फ्लैट हैं तो बिल्डर पर दबाव डालकर उसकी रजिस्ट्री तत्काल कराने की कोशिश करें।
प्रोजेक्ट सेक्टर फ्लैटों की संख्या
- सेलरिस रियलटेक 1 212
- एसजेपी होटल्स एंड रिसोर्ट्स ईटा टू 590
- नंदी इंफ्राटेक 10 451
- बेल्ग्राविया प्रोजेक्ट्स 16 122
- रतन बिल्डटेक 16 444
- स्टारसिटी रियल स्टेट 1 555
- सैम इंडिया अभिमन्यु हाउसिंग 16सी 27
- निराला इंफ्राटेक टेकजोन फोर 48
- सोलिटियर इंफ्राहोम 16सी 34
- एंथम इंफ्रास्ट्रक्चर 16बी 37
- पिजन बिल्डहोम टेकजोन फोर 212
- न्यूवे होम्स टेकजोन फोर 346
- एमआई बिल्डर जीटा वन 26
- स्टार लैंडक्राफ्ट टेकजोन फोर 37
- एंगल इंफ्रा हाइट 16सी 93
- फ्यूजन बिल्डटेक टेकजोन फोर 21
- इंटाइसमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर 1 291
- पंचषील बिल्डटेक 16 308
- महालक्ष्मी इफ्राहोम ओमीक्रॉन-3 132
- कामरूप इंफ्राबिल्ड ईटा टू 32