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ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 228 करोड़ रुपये के डिफाल्टर बिल्डर 3C होम्स प्राइवेट लिमिटेड का 100 एकड़ का भूखण्ड निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट की जमीन का 25 प्रतिशत पैसा भी जब्त कर जमीन अपने कब्जे में ले ली है। बिल्डर से 2015 के बाद प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भुगतान करना बंद कर दिया था। प्राधिकरण ने कई नोटिस भी जारी किये लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बिल्डर ने न तो बिल्डिंग प्लॉन जमा किया और न ही किसी तरह का आंतरिक विकास कार्य किया।

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि 3C होम्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 22 ए में टाउनशिप के लिए 100 एकड़ का एक भूखण्ड 17 फरवरी 2011 को आवंटित किया गया था। उस समय आवंटन दर 4675 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी। भूखण्ड की कीमत कुल 184 करोड़ रुपये थी। 3C होम्स बिल्डर ने ब्याज समेत प्राधिकरण को वर्ष 2014 तक 114 करोड़ रुपये का भुगतान किया, उसके बाद उसने प्राधिकरण की किस्तें देना बंद कर दिया। साथ ही बिल्डर ने न तो भूखण्ड पर कोई विकास कार्य किया और न ही बिल्डिंग प्लॉन प्राधिकरण में जमा किया।

बिल्डर पर दिसम्बर 18 तक प्राधिकरण का कुल 228 करोड़ रुपये बकाया हो गया। लिहाजा प्राधिकरण ने उसे डिफाल्टर घोषित कर दिया। जिसमें 80 करोड़ रुपये भूखण्ड की कीमत का प्रीमियम,  42 करोड़ रुपये ब्याज,  97 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा तथा 9 करोड़ रुपये लीज रेंट शामिल है। बिल्डर ने जब प्राधिकरण की किस्तें जमा करना बंद कर दिया तो उसे नोटिस भेजे गये। इसके बावजूद बिल्डर ने किस्तें जमा नहीं की। लिहाजा प्राधिकरण ने बिल्डर की लीज डीड निरस्त कर दी और जमा प्रीमियम का 25 प्रतिशत धनराशि जब्त कर जमीन पर कब्जा कर लिया है। सीईओ ने बताया कि इसी तरह के अभी आठ बिल्डर्स के भूखण्डों को निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।

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