Saint Brij Bhushan Maharaj

ग्रेटर नोएडा शहर के सेक्टर अल्फा-2 सामुदायिक केंद्र में चल रही सप्तम दिवसीय भागवत कथा के आखिरी दिन राष्ट्रीय संत बृजभूषण महाराज ने कई प्रसंगों का वर्णन किया। मोक्ष कैसे प्राप्त होता है, इस बारे में भी बताया। समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का आह्वान किया है। संत बृज भूषण महाराज ने कहा कि शमीक ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प राजा परीक्षित जी ने डाल दिया था तब शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने सात दिन में तक्षक सर्प से डसने का श्राप दिया तब परीक्षित जंगल में गए वहां राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करायी।

सप्त दिवस हुआ तो राजा परीक्षित से शुकदेवजी ने प्रश्न किया कि आज आपको तक्षक सर्प आकर डसेगा क्या तुम मरोगे। परीक्षित ने शुकदेव जी से कहा कि मरेगा तो वह जो जन्म लेता है, मैं तो चिन्मयी आत्मा हूं। महाराज ने सभी भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए बताया कि मोक्ष जीवित ही हो जाता है, जो व्यक्ति अपने आपको सर्वस्व न्योछावर कर देता है। प्रभु की शरणागति प्राप्त करने से व सत्संग कथाओं में जाने से मोक्ष प्राप्त होता है

आखिरी दिन बड़ी संख्या में लोग कथा सुनने पहुंचे। कथा में मुख्य रूप से न्यायाधीश अंगद प्रसाद  गुप्ता, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पीपी मिश्रा, राजकुमार शर्मा, हीरा लाल पांडेय,  राजीव शर्मा,  शशि शेखर त्रिपाठी, सुरेन्द्र शुक्ला, परमेश्वर, योगेन्द्र सिंह, एसपी सिंह, रामकुमार मिश्रा, संदीप सिंह, राजेश शर्मा, अनिल त्रिपाठी, रूबी मिश्रा, संतोष त्रिपाठी, पंकज रावल, बीपी त्रिपाठी, विवेक सिंह, मनीष सिंह, पंकज अग्रवाल   आदि शामिल हुए।