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ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय ने मादक पदार्थ हेरोइन की फैक्टरी चलाने के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। जिला न्यायालय ने अपने फैसले में हेरोइन की फैक्टरी चलाने वाले तीन विदेशी नागरिकों को 18 साल की सजा सुनाई है। तीनों पर चार लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैला ने की। सरकारी अधिवक्ता मनोज तेवतिया ने बताया कि दादरी कोतवाली पुलिस ने 2013 में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रॉन-टू के एक मकान में हेरोइन की फैक्टरी पकड़ी थी। इस आरोप में तीन विदेशी नागरिकों सन्नी चुबा ओकोलो, इमको डाइक व नवावुफो पैटिक मूल निवासी टाउन यूकेई नाइजीरिया को गिरफ्तार किया था। इनके पास से एक किलो से अधिक हेरोइन पाउडर व पांच किलो डाइजाफाम पाउडर बरामद हुआ था।

गिरफ्तारी के बाद से तीनों की जमानत नहीं हुई थी। आरोपितों के पास से पासपोर्ट भी नहीं मिला था। मामले में कुल आठ गवाह पेश हुए। केस की सुनवाई के दौरान गवाहों से पता चला कि तीनों आरोपी हेरोइन की फैक्टर चलाते थे और छापेमारी के दौरान उनके वीजा की अवधि भी समाप्त हो चुकी थी। न्यायालय ने हेरोइन की तस्करी व विदेशी अधिनियम को गम्भीर प्रकृति का अपराध मानते हुए तीनों आरोपियों को 18 साल की सजा सुनाई है। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि इसमें एक साल की सजा पासपोर्ट अधिनियम, विदेशी अधिनियम के तहत चार साल व एनडीपीएस एक्ट हेरोइन की फैक्टरी चलाने व तस्करी करने पर 18 साल की कड़ी सजा सुनाई है। आरोपियों पर चार लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।