नोएडा : बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए किशोरावस्था से ही सावधानी बरतना जरूरी है। जानकारी के अभाव में माहवारी प्रबंधन में लापवाही बरतने पर जहां संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है वहीं बेहतर पोषण के अभाव में किशोरियों को आगे चलकर गर्भावस्था के दौरान गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह कहना है स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मीरा पाठक का।
भंगेल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात डा. मीरा पाठक का कहना है- सुरक्षित यौन संबंधों के बारे जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। गर्भनिरोधक पद्धति को सुरक्षित ढंग से कैसे अपनाएं, अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भ से कैसे बचें, इसकी जानकारी प्रमाणिक स्रोतों से उपलब्ध कराने, माहवारी प्रबंधन और साफ-सफाई के बारे में जानकारी देने के लिए इन विषयों पर बात की जानी चाहिए। किशोरियों को शारीरिक बदलाव और माहवारी के बारे में तथ्यपरक जानकारी देकर भविष्य में आने वाली तमाम परेशानियों से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा माहवारी के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी होता है। साफ-सफाई के लिए सेनेटरी नेपकिन का इस्तेमाल करें और ध्यान रखें कि नेपकिन को छह से आठ घंटे में जरूर बदलें, अन्यथा इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।
गौरतलब है कि यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के प्रसार को कम करने के लिए हर वर्ष 12 फरवरी को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यौन और प्रजनन से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को बताना है, ताकि समय रहते समस्या की पहचान हो और उपचार किया जा सके।
डा. मीरा कहती हैं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रोटीनयुक्त भोजन की ज्यादा जरूरत होती है, साथ ही कैल्शियम, विटामिन, आयरन और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर फल, सब्जियों और अनाज लेना जरूरी होता है, ताकि शारीरिक यौन परिपक्वता विकसित हो सके। किशोरियों में पोषण की कमी आगे चलकर गर्भावस्था में भी जोखिम बढ़ा सकती है।