solar eclipse

कल पूरे देश भर में रोशनी का पर्व दीपावली धूमधाम के साथ मनाई गई। खुशियों के इस त्योहार के अगले दिन यानी आज देश में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। बहुत कम ऐसे अवसर होते हैं जब किसी पर्व के दूसरे दिन ग्रहण लगता है। 27 साल पहले 1995 में दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण लगा था। ‌उस दौरान दीपावली 23 अक्टूबर को थी। दूसरे दिन 24 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण था।

आज लगने जा रहे सूर्य ग्रहण को लेकर खगोल शास्त्रियों और ज्योतिषियों में उत्साह बना हुआ है। वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक खगोलीय घटना है। भारत के कई शहरों में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो जाएगा और लगभग 04 घंटे 03 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का समापन 6 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में ग्रहण के चलते सूतक काल मान्य रहेगा।

बता दें कि ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल आज सुबह 4 बजे से शुरू हो गया है। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ग्रहण के दौरान चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ‌सूर्य ग्रहण लगने की वजह से इस बार गोवर्धन पूज दिवाली के अगले दिन की बजाए दूसरे दिन होगी।

ऐसा 27 साल बाद होगा जब ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा दिवाली के बाद एक दिन छोड़कर मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा कल मनाई जाएगी और भैया दूज 27 अक्टूबर को होगी। आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के आंशिक रूप में आता है, जिससे पृथ्वी के स्थान विशेष से देखने पर सूर्य का आधा भाग ही नजर आता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण का लगना एक खगोलीय घटनाक्रम है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के मध्य होकर गुजरता है।

भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 22 मिनट के बाद से दिखाई देगा

आज का आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 22 मिनट के बाद से दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण की अवधि 1 घंटे 19 मिनट की रहेगी। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, आज खंडग्रास सूर्य ग्रहण है। यह सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र में तुला राशि पर लगेगा। स्थान के आधार पर सूर्य ग्रहण के प्रारंभ और समापन समय में अंतर हो सकता है।

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व ही शुरू हो जाता है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है, जो उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका, यूरोप और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। यह भारत में नई दिल्ली, कोलकाता, बेंगलूरु, उज्जैन, चेन्नई, वाराणसी, मथुरा आदि में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण तुला राशि में लगने वाला है। सूर्य ग्रहण के समय सिर्फ बुजुर्ग, गर्भवती स्त्रियों, रोगियों और बच्चों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इन्हें घर से बाहर न जाने दें। नग्न आंखों से ग्रहण के दर्शन न करने दें। इस अवधि में कुछ भी खाने-पीने से बचें। विशेषकर बासी भोजन तो बिल्कुल न खाएं।

संभव हो तो घर में बैठकर हनुमान चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं।‌ उससे ग्रहण असर उनके ऊपर प्रभावहीन रहेगा। ग्रहण के सूतक काल से ही पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए। सूर्य ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढंक दें। देवी, देवताओं की पूजा न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना बिल्कुल न खाएं। बता दें कि इस सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद अगले महीने 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगेगा।