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गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। नवंबर के पहले सप्ताह में ही केंद्रीय निर्वाचन आयोग राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करने जा रहा है। दो दिन पहले शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू करने के लिए मंजूरी भी दे दी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात को बड़ी सौगात देने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को पहुंचे। ‌लेकिन इस बार पीएम मोदी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस बार अपने गृह राज्य गुजरात दौरे पर उन्हें मोरबी में ब्रिज टूटने के दर्दनाक हादसे से सामना करना पड़ेगा।

रविवार दोपहर प्रधानमंत्री ने गुजरात के वडोदरा में देश के पहले एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इसमें इंडियन एयरफोर्स के लिए C-295 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाए जाएंगे। एयरक्राफ्ट का निर्माण यूरोपीय एयरोस्पेस कंपनी एयरबस और टाटा ग्रुप मिलकर करेंगे। इस प्लांट के शुरू होने के साथ ही भारत एयरक्राफ्ट बनाने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा। इस लिस्ट में फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन और जापान शामिल हैं।

पीएम मोदी की गुजरात को दी गई सौगात के 2 घंटे बाद ही मोरबी ने बड़ा जख्म दे दिया। ‌विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य की भूपेंद्र पटेल सरकार पर सवाल उठाए हैं। मोरबी पुल हादसे में करीब 140 से अधिक लोगों ने जान गंवा दी है। ‌इनमें कई मासूम बच्चे भी हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी ज्यादा है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। हादसे के बाद गुजरात की भूपेंद्र सरकार में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को मोरबी भेजा। ‌

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर 1 बजे मोरबी जाएंगे। वो इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। वहीं राजकोट के भाजपा सांसद मोहनभाई कुंडारिया के परिवार के 12 लोग हादसे में मारे गए। मोरबी में अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, मरम्मत के बाद जनता के लिए पांच दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, अंग्रेजों के समय के ‘हैंगिंग ब्रिज’ पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे, जब वह टूट गया। इससे लोग नीचे पानी में गिर गए। जैसे ही ये पुल नीचे गिरा नदी में गिरे लोग अपनी-अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। किसी को इसमें सफलता मिली तो कोई अपनी जिंदगी की जंग हार गया।

हादसे में कई लोगों ने अपने परिवार वालों को खो दिया। कई परिवाह तबाह हो गए। कोई अपनी बेटी की तलाश कर रहा है तो कोई अपने पिता की। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान पूरी रात चला। सेना की टीमें, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और भारतीय वायु सेना के जवानों ने मलबे के बीच फंसे लोगों की पूरी रात तलाश करते रहे। सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। एनडीआरएफ की 5 टीमें तैनात एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, सेना, गरुड़ कमांडो को लगाया गया।

वहीं कांग्रेस इस पुल के टूटने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा विधानसभा चुनाव को लेकर मोरबी ब्रिज को जल्दबाजी में खोल दिया गया। ‌कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस ब्रिज को ठीक करने के बाद इसका उद्घाटन हुआ और मरम्मत के बाद ही ब्रिज गिर गया इसके पीछे क्या कारण है? इसकी जांच हो, साथ ही इतने लोगों के एक साथ एक समय में ब्रिज पर उपस्थिति का कारण क्या था इसका भी पता लगाया जाए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि किस कारण से यह पुल नीचे गिरा इस पर सरकार का को निष्पक्ष जांच करा दे देनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए । वहीं मोरबी हादसे के बाद अब प्रशासन भी एक्शन में नजर आ रहा है। इस हादसे के बाद प्रशासन ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।