देवभूमि संवाद के लिए शंभू नाथ गौतम की रिपोर्ट
बात आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश की। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के नेता यूपी में ‘पंडित जी को प्रणाम‘ करने निकले हुए हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने ‘दांव’ चलने शुरू कर दिए हैं। ब्राह्मणों का साथ लेने के लिए सभी ने तैयारी शुरू कर दी है। पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती के दूत और पार्टी के रणनीतिकार सतीश चंद्र मिश्र ने प्रभु श्री राम की धरती अयोध्या में जाकर सम्मेलन कर ब्राह्मणों का सम्मान करने की शुरुआत की। इस दौरान सतीश चंद मिश्रा ने कहा कि यदि प्रदेश के 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित मिलकर भाईचारा कायम कर लें तो राज्य में बसपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता है। ‘मिश्र ने कहा कि बसपा में ब्राह्मणों का हमेशा सम्मान रहा है’।
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर सतीश चंद्र मिश्र पूरे प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन की 23 जुलाई से शुरुआत कर दी है। बीएसपी की योजना के तहत पहले चरण में 23 से 29 जुलाई तक यूपी के 6 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन किए जाएंगे। सबसे खास बात यह है कि बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन अलग-अलग धार्मिक नगरी से आयोजित किए जाएंगे। जिनमें प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट, विंध्यवासिनी (मिर्जापुर) में होंगे। ‘बीएसपी के इस सियासी दांव के बाद भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच भी ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए होड़ लग गई है’। अब बात करते हैं समाजवादी पार्टी की। 90 के दशक से ही सपा और बसपा ने जाति पर आधारित सियासत की है। मायावती जहां दलितों को लेकर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचीं वहीं सपा के मुलायम सिंह और अखिलेश ओबीसी पर अपनी सियासत चमकाते रहे हैं। बता दें कि एक समय यह दोनों दल ब्राह्मण विरोधी होने के लिए भी जाने जाते थे। लेकिन अब साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सपा और बसपा ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए जुटे हुए हैं।
सपा के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत क्रांतिकारी मंगल पांडे की धरती बलिया से होगी
बसपा के बाद अब सपा ने भी ब्राह्मणों से आशीर्वाद लेने की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं से मुलाकात की। जिसमें अखिलेश की तत्कालीन सपा सरकार में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडे भी शामिल थे। ‘ब्राह्मण नेताओं ने अखिलेश यादव को भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट की’। यहां हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी का ब्राह्मण सम्मेलन 1857 के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की धरती बलिया से शुरू होगा। हालांकि ब्राह्मण सम्मेलन के लिए सपा ने अभी तारीखों का एलान नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है इसी महीने के आखिरी में शुरुआत की जाएगी। दूसरी ओर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के ब्राह्मण सम्मेलन के लिए अयोध्या दौरे को लेकर भाजपा में ‘हलचल मच गई थी। आज इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंचे। योगी अयोध्या में करीब पांच घंटे रहे। कई विकास योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद सीएम योगी ने साधु-संतों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रामलला के दर्शन भी किए। योगी ने यहां दशरथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और छात्रों से बात करके भी व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या वैश्विक स्तर पर विकसित हो रही है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से साल 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। ‘बसपा और सपा के सम्मेलन को लेकर भाजपा भी प्रदेश में ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए कुछ नया करने की तैयारी में है’। वैसे ‘फिलहाल मुख्यमंत्री योगी अपने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अपनी रणनीति सामने लाएगी, कैबिनेट विस्तार के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्री ब्राह्मण समाज से सीधे जुड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं’।