कांग्रेस की आज फिर वर्किंग कमेटी की बैठक होने जा रही है। यह बैठक ऐसे समय पर होने जा रही है जब पिछले दिनों पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं। 2 सालों से कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी समेत कई आयोजित महत्वपूर्ण बैठकों में पार्टी में स्थाई अध्यक्ष बनाने को लेकर मुद्दा छाया रहा, ‌लेकिन हर बार एक राय नहीं बन पाई। जिसकी वजह से अभी तक कांग्रेस आलाकमान अध्यक्ष का एलान नहीं कर सकी है। ‌

कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष का पद सोनिया गांधी संभाले हुए हैं। आज होने जा रही वर्किंग कमेटी की बैठक में पिछले दिनों पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा के हिमाचल चुनाव समिति से इस्तीफा और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह बैठक आज दोपहर करीब 3:30 बजे वर्चुअल माध्यम से आयोजित की जाएगी। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के इलाज कराने के लिए विदेश में है। ‌उनके साथ राहुल और प्रियंका भी हैं। यह तीनों वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में जुड़ेंगे। ‌

पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 20 अगस्त से 21 सितंबर के बीच होनी है। हालांकि अब तक कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अब तक कोई दावेदारी सामने नहीं आई है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। इस दौरान सोनिया गांधी ने गहलोत से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का आग्रह किया। जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, वह उसे पूरा कर रहे हैं। बता दें कि  कांग्रेस अध्यक्ष पद 2019 के बाद से खाली है, लेकिन उसके लिए पार्टी में टालमटोल होता रहा है। कई बार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के चुनाव के एक्सटेंशन किया जा चुका है और फिर से 20 सितंबर की तारीख तय की गई है।

कांग्रेस नेताओं की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए तारीख को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन चुनाव की तारीखों में एक और लंबा विस्तार होने की संभावना नहीं है। आज होने जा रही सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी में स्थाई अध्यक्ष को लेकर चर्चा जरूर होगी लेकिन उम्मीद कम है कि नाम का एलान हो, ‌ क्योंकि सोनिया, राहुल और प्रियंका विदेश में है। बताया जा रहा कि ये तीनों शीर्ष नेता सीडब्ल्यूसी की ऑनलाइन बैठक में भाग लेंगे। बता दें, कांग्रेस इन दिनों ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तैयारी में जुटी है। ये यात्रा पांच महीने की होगी जिसमें कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। ये यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी।