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साहिबाबाद: दो वर्ष पूर्व आज ही के दिन 9 जुलाई को साहिबाबाद के लाजपत नगर निवासी मनदीप नेगी की पुलिस हिरासत में हुई हत्या में अभी तक मृतक के परिवार को न्याय नहीं मिल पाया है। मृतक मनदीप की दूसरी बरसी पर आज विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा उनके लाजपत नगर निवास पर श्रद्धांजलि सभा की गई। सभा में क्षेत्रीय लोगों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों  से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया। ट्रांस हिंडन आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाश चन्द्र शर्मा ने श्रद्धांजलि सभा में बताया कि दो वर्ष बाद भी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है। पुलिस हिरासत में हुई हत्या में आईपीएस अमिताभ ठाकुर के हस्तक्षेप के उपरांत थाना साहिबाबाद के एसएचओ समेत 8 पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। मृतक के पिता गिरीश नेगी का आरोप है कि निलंबन के 1 माह उपरांत ही निलंबित पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर कर अन्यत्र नियुक्त कर दिया गया। जांच के नाम पर गाजियाबाद कोर्ट में केस भी चला, मगर पीड़ित परिवार को केस की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। दो वर्ष पूर्व पीड़ित परिवार ने दोषियों को सजा दिए जाने व परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य के चले जाने के कारण आर्थिक मदद की मांग उ. प्र. सरकार से की गई थी। मगर सरकार द्वारा मात्र 2 लाख रु का चेक भेजा गया था जिसे पीड़ित परिवार ने वापस लौटा दिया था। मानव अधिकार द्वारा भी 3 लाख रु की पेशकश पीड़ित परिवार से की गई थी, मगर पीड़ित परिवार ने दोषी पुलिसकर्मियों को सजा देने के उपरांत ही मदद स्वीकारने की बात कहकर मदद लेले से मना कर दिया था। श्रद्धांजलि सभा में ट्रांस हिंडन आरडब्लयूए फेडरेशन व उत्तराखंड महासंघ सहित सभी सामाजिक लोगों ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का संकल्प लिया। इस मौके पर उत्तराखंड महासंघ के वरिष्ठ संरक्षक डी एस भंडारी, अध्यक्ष केदार मेहता,नथूराम , एन के तलवार, डी डी शर्मा, मोहित शर्मा ,बीरबल सिंह नेगी,राजा नेगी, अरविंद रावत , कालीचरण शर्मा, उषा नेगी, गैनी देवी, सरला नैनवाल, महेशी बिष्ट सहित कई लोग मौजूद रहे।

क्या था मनदीप नेगी की पुलिस हिरासत में हत्या का मामला

बता दें मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के मनदीप सिंह नेगी (24) अपने परिवार के साथ साहिबाबाद के लाजपत नगर में रहता था. जानकारी के मुताबिक दो वर्ष पूर्व 9 जुलाई 2017 की रात करीब नौ बजे मनदीप टहलने के लिए घर से निकला था, लेकिन वापस घर नहीं लौटा। 11 जुलाई को मनदीप के पिता गिरीश नेगी ने साहिबाबाद थाने पहुंचकर बेटे के गायब होने की सूचना दी। हालाँकि उस दिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. 12 जुलाई को पुलिस के कहने पर वह मनदीप का बड़ा फोटो लेकर थाने पहुंचे और शिकायत दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। मनदीप के पिता का आरोप है कि पुलिस ने 13 जुलाई को ही लावारिस शव दिखाकर मनदीप का अंतिम संस्कार कर दिया।

इस मामले में साहिबाबाद के तत्कालीन सीओ अनूप सिंह को घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। और कहा गया कि रिपोर्ट मिलने के बाद लापरवाही सामने आने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जांच में बताया गया कि 9 जुलाई को पुलिस कंट्रोल रूम से श्याम पार्क में चोर पकड़ने की सूचना मिली थी। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी युवक को पकड़कर थाने ले आई। थाने पहुंचने पर युवक की तबीयत ज्यादा खराब थी। पुलिस ने उसे एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ 10 जुलाई की सुबह उसकी मौत हो गई। 13 जुलाई को शव का 72 घंटे पूरा होने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीँ परिजनों का आरोप था कि 9 जुलाई की रात पुलिस मनदीप को चोर समझकर उसकी जमकर पिटाई की। इससे उसकी हालत गंभीर हो गई। पुलिस ने परिजनों को सूचना दिए बिना उसे अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों को पिटाई की भनक नहीं लगे, इसलिए पुलिस ने चुपचाप मनदीप का अंतिम संस्कार कर दिया था।