Interim Budget 2024: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। यह एक अंतरिम बजट था। वित्त मंत्री ने संसद के संयुक्त सदन में 57 मिनट का अंतरिम बजट भाषण दिया। इसमें मोदी सरकार की 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं। वित्त मंत्री ने सुबह 11:01 बजे से बजट भाषण शुरू किया और 57 मिनट बाद 11:58 बजे खत्म किया।

इस बजट में आम टैक्स पेयर्स को कोई राहत नहीं मिली है। अपने बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि फिलहाल इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। यानी कि जो टैक्स स्लैब 2023-24 के लिए लागू की गई थी वही पूर्ण बजट पेश होने तक भी लागू रहेंगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत सरकार 1 करोड़ घरों को हर महीनें 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने पर विचार कर रही है। सरकार ‘किराए के मकानों या झुग्गी-झोपड़ी या चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले’ मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपने स्वयं के मकान खरीदने या बनाने में सहायता करने के लिए योजना शुरू करेगी।

ये हैं अंतरिम बजट के मुख्य बिंदु

  1. प्रधानमंत्री आवास योजना में हम तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य पाने के करीब हैं। अगले पांच सालों में दो करोड़ और मकानों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, किराए के मकानों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को खुद के मकान खरीदने और बनाने में मदद करने की योजना लाएंगे।
  2. छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे। परिवारों को हर वर्ष 15 से 18 हजार रुपए की बचत होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग सुगम हो सकेगी।
  3. योग्य डॉक्टर बनना कई युवाओं की महत्वाकांक्षा होती है। ऐसे में और ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी।
  4. सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए 9 से 14 साल की लड़कियों के टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा।
  5. आष्युमान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य देखरेख में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकओं को शामिल किया जाएगा। आंगनबाड़ी और पोषण की योजना में तेजी लाई जाएगी। नया यू-विन प्लेटफॉर्म और मिशन इंद्रधनुष को लेकर पूरे देश में तेजी से काम किया जाएगा।
  6. नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाया गया है। जिसके बाद सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का प्रयोग किया जाएगा।
  7. भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है। लेकिन दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादकता कम है। डेयरी किसानों की सहायता के लिए कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। खुरपका रोग नियंत्रित करने की पहल की जा रही है।
  8. मत्स्य पालन के लिए अलग विभाग स्थापित किया गया है। इनलैंड और जलकृषि उत्पादन दोगुना हो गया है। सीफूड का निर्यात भी दोगुना हो गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। जलकृषि उत्पादकता को 3 टन से बढ़ाकर 5 टन किया जाएगा। निर्यात को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ तक ले जाएंगे। मत्स्य संपदा योजना से 55 लाख नए रोजगार पैदा करेंगे। पांच एकीकृत पार्क एक्वापार्कों की स्थापना होगी।
  9. 1 करोड़ महिलाएं पहले ही ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। इस लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है।
  10. पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि जय जवान जय किसान, पीएम अटल बिहारी वाजपेई ने कहा, जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान। पीएम मोदी ने कहा, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान बना दिया है। नई पहल ही विकास का आधार है।
  11. प्रौद्योगिकियों को अपनाने वाले हमारे युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम काल होगा। 50 वर्षीय ब्याज मुक्त लोन के जरिए एक लाख करोड़ रुपए का कार्पस स्थापित किया जाएगा। इस कार्पस से दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंग।
  12. अगले वर्ष के अवसंरचना विकास परिव्‍यय में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. कुल 11,11,111 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगा। परिव्‍यय में वृद्धि से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में कई गुणा तेजी आएगी।
  13. प्रधानमंत्री गति शक्ति के अंतर्गत पहचान किए गए तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारों का शुभारंभ किया जाएगा। ये तीन गलियारे हैं – (i) ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा, (ii) पत्तन संपर्कता गलियारा और (iii) अधिक यातायात वाला गलियारा। इन परियोजनाओं से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि रसद व्‍यवस्‍था में सुधार आएगा और लागत में कमी आएगी।
  14. यात्रियों की सुविधा, आराम और सुरक्षा बढ़ाने के लिए 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को “वंदे भारत” मानकों के अनुरूप परिवर्तित किया जाएगा। मेट्रो रेल और नमो भारत रेल प्रणाली विशेषकर बड़े शहरों के आवागमन उन्‍मुख विकास को बढ़ावा देगी। रसद व्यवस्था संबंधी कार्यकुशलता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी। मेट्रो रेल और नमो भारत शहरी रूपांतरण के लिए उत्प्रेरक बन रहे हैं। बड़े शहरों में इन प्रणालियों के विस्तार को सहायता दी जाएगी।
  15. पिछले 10 वर्षों में देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुना होकर 149 हो गयी है। उड़ान योजना के अंतर्गत और अधिक शहरों को हवाई मार्गों से जोड़ा गया है। 570 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। देश की विमानन कंपनियां 1000 से अधिक नये वायुयानों की खरीद का ऑर्डर देकर विकास के मार्ग पर अग्रसर हो रही हैं। मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार और नये हवाई अड्डों का विकास कार्य तीव्र गति से जारी रहेगा।
  16. स्किल इंडिया मिशन युवाओं की मदद कर रहा है। 3 हजार नए आईटीआई खोले गए। 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किये गये हैं। कौशल भारत मिशन ने 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया है। 54 लाख युवाओं को उन्नत और पुनः कुशल बनाया है।
  17. हमारी सरकार ई-वाहनों के विनिर्माण और चार्जिंग अवसंरचना को सहायता प्रदान करेगी और ईवाहन इकोसिस्टम का विस्तार और सुदृढ़ीकरण करेगी। सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए अधिक से अधिक संख्या में ईबस के इस्तेमाल को, पेमेंट सिक्योरिटी के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा।
  18. उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ है, जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ है। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ है। 30.03 लाख करोड़ की राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है। राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 5.8 प्रतिशत है, जो अंकित विकास अनुमानों में कमी के बावजूद अनुमान की तुलना में बेहतर है।
  19. 2024-2025 में उधार से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30 लाख करोड़ और 47.66 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियों के 26.02 लाख रहने का अनुमान है। राज्यों के पूंजीगत व्यय के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त लोन योजना कुल 1.3 लाख करोड़ के परिव्यय के साथ इस साल भी जारी रखी जाएगी। वर्ष 2024-2025 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  20. नई कर योजना के तहत अब 7 लाख की आय वाले करदाताओं के लिए कोई कर देनदारी नहीं है। खुदरा व्यापार के लिए प्रीजम्प्टिव कराधान की सीमा 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ की गई। इसी प्रकार प्रीजम्प्टिव कराधानन के पात्र व्यवसायियों के लिए यह सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख की गई। कॉरपोरेट टैक्स का रेट मौजूदा स्वेदशी कंपनियों के लिए 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है। कुछ नई विनिर्माण कपंनियों के लिए यह दर 15 प्रतिशत की गई।