Former President Pranab Mukherjee dies

pranab mukherjee passed away : भारत रत्न से विभूषित पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें 10 अगस्त को दिल्ली में आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनके दिमाग में बने खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे।

1 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने 1969 में कांग्रेस के जरिए सियासत की दुनिया में कदम रखा था। सियासी पारी शुरू करने के 14 साल बाद 1973 में वह पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार में उन्हें इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट मंत्रालय में डेप्युटी मिनिस्टर बनाया गया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1982 से 1984 तक वह केंद्रीय वित्त मंत्री रहे। उन्हीं के वित्त मंत्री रहते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का गवर्नर बनाया गया। जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को पिछले वर्ष देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनकी गितनी पढ़े-लिखे और साफ छवि के नेताओं में होती रही। यही कारण रहा कि जिंदगी भर कांग्रेस पार्टी का नेता रहने के बावजूद उन्हें बीजेपी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। राजनीति, वित्त, विधि आदि क्षेत्रों के वे विशेषज्ञ थे। अपने लम्बे सार्वजनिक व राजनीतिक जीवन में उन्होंने गहरी छाप छोड़ी है। वे कुशल प्रशासक और भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। स्वर्गीय मुखर्जी जी का देवभूमि उत्तराखंड के प्रति गहरा लगाव था। जब वे राष्ट्रपति थे तो उन्होंने उत्तराखण्ड विधानसभा को सम्बोधित किया था