PM Modi degree information

गुजरात हाईकोर्ट के सिंगल जज जस्टिस बीरेन वैष्णव ने चीफ इनफॉर्मेशन कमिश्नर के 2016 में दिए गए आदेश को रद्द कर दिया। इस आदेश में पीएमओ के जन सूचना अधिकारी और गुजरात यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के को मोदी की ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की डिटेल पेश करने के निर्देश दिए गए थे।

कोर्ट ने विशेष रूप से आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने पीएम की डिग्री सर्टिफिकेट्स की डिटेल मांगी थी। यह पैसा गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा किया जाएगा। जिसे चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा करना होगा। कोर्ट ने फैसले पर स्टे देने से भी इनकार कर दिया।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निराशा जताते हुए ट्वीट कर कहा कि क्या देश को यह जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितना पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि कोर्ट में आखिर इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का जबरदस्त विरोध क्यों किया? देश को आगाह करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अनपढ़ या कम पढ़े लिखे प्रधानमंत्री देश के लिए बेहद खतरनाक हैं।

हाई कोर्ट में यह याचिका केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल की गई थी, जिसमें आयोग ने पीएम की डिग्री दिखाने का आदेश दिया था। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 1978 में गुजरात यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा किया था, फिर इसके बाद 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पोस्ट ग्रेजुएट किया।