Rishi Sunak's path to becoming PM became easier in Britain

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने के बहुत करीब पहुंच गए हैं। 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफा देने के बाद जारी सियासी संकट के बीच ऋषि सुनक ने फिर प्रधानमंत्री पद का चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 28 अक्टूबर को होने वाले प्रधानमंत्री पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया हैं। उसके बाद ऋषि सुनक की पीएम बनने की राह बहुत आसान हो गई है।

बोरिस जॉनसन ने रविवार को घोषणा की कि वह कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में नहीं उतरेंगे। बोरिश जॉनसन के हटते ही सबसे आगे चल रहे ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री चुने जाने के करीब पहुंच गए हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस बार सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी के 128 सांसद समर्थन कर रहे हैं, जो कि पीएम बनने के लिए न्यूनतम 100 के आंकड़े से काफी ज्यादा है। वहीं, बोरिस जॉनसन को अब तक समर्थन देने के लिए 100 सांसद नहीं मिले हैं।

इस बीच बोरिस के बयान से ऋषि सुनक की जीत की राह और भी आसान हो गई है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले तक जॉनसन सरकार में सुनक वित्त मंत्री के रूप में काम कर रहे थे। बाद में सुनक ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद अन्य सांसदों ने भी साथ छोड़ दिया। ऐसे में जॉनसन को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लिज ट्रस नई पीएम बनीं। हालांकि, वे ज्यादा दिन तक सरकार नहीं चला सकीं और मिनी बजट में आर्थिक फैसलों की वजह से विवादों में आ गईं और 45 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा।

अब एक बार फिर नए पीएम को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुनने की कवायद तेज हो गई। ऋषि के माता-पिता भारतीय मूल के थे। उनके पिता यशवीर का जन्म और लालन पोषण केन्या में हुआ था जबकि उनकी मां उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। वे बाद में 1960 के दशक में अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन में आकर बस गए थे। 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ।‌‌ उनके पिता डॉक्टर थे, जबकि मां दवाखाना चलाती थीं। ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं।

भारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था। उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की। इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया था। ऋषि सुनक ने ग्रेजुएशन के बाद गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया था और बाद में हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए थे।

ऋषि ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी। यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश में मददगार थी। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए के दौरान ही उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली. उनकी दो बेटी कृष्णा और अनुष्का हैं।