Internet service suspended in Manipur after communal tension

सांप्रदायिक तनाव के बाद मणिपुर सरकार ने राज्य में कई जिलों में इंटरनेट सेवा 5 दिनों के लिए बंद कर दी है। राज्य सरकार ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। राजधानी इंफाल में भी इंटरनेट बंद है। बता दें कि राज्य के बिष्णुपुर जिले में एक समुदाय के 3 से 4 लोगों ने शनिवार शाम को एक वैन में आग लगा दी थी, जिसके बाद जिले में संप्रदायिक तनावपूर्ण की स्थिति पैदा हो गई। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है।

सरकार ने अगले दो महीने के लिए चुराचांदपुर और बिष्णुपुर में धारा 144 लगाई है। शनिवार को राज्य सरकार ने एक विधेयक पेश किया, जिसके विरोध में मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने इंफाल में काफी हंगामा किया। इस दौरान कई गाड़ियों में तोड़पोड़ और आगजनी की गई। पुलिस कार्रवाई में 30 से ज्यादा छात्र घायल हुए। वहीं, 5 आदिवासी छात्र नेता को गिरफ्तार किया गया। उन्हें 15 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है।

अब छात्र संगठन अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग कर रहा है। मणिपुर सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस घटना ने क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया है। यहीं नहीं कुछ असामाजिक तत्व जनता को भड़काने के लिए भड़काऊ भाषणों को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। इस बीच, विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश द्वारा शनिवार को जारी एक आदेश में मणिपुर में मोबाइल डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।

क्या है मामला

ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) राज्य में आदिवासी छात्र-छात्राओं का प्रभावी संगठन है। एटीएसयूएम की मांग है कि विधानसभा में मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 पेश किया जाए। एटीएसयूएम की ओर से इस बिल का पास कराने की भी मांग पिछले लंबे समय से की जा रही है। उसका कहना है कि इससे राज्य के पहाड़ी इलाकों की स्वायत्तता सुनिश्चित हो सकेगी। इससे इन इलाकों में निचले इलाकों की अपेक्षा बेहतर विकास भी हो सकेगी। वहीँ इस घाटी के प्रभावी संगठन मीति लीपुन ने लॉकडाउन लगने के बाद इंफाल में एटीएसयूएम का ऑफिस बंद कर दिया है।

हालांकि, राज्य सरकार ने 2 अगस्त को मणिपुर पहाड़ी क्षेत्र जिला परिषद 6वें और 7 वें संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला किया था। एटीएसयूएम को आशंका है कि एन बीरेन सिंह सरकार द्वारा पेश विधेयक, संगठन द्वारा प्रस्तावित विधेयक के अनुरूप है या नहीं। इसलिए अघोषित संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद से एटीएसयूएम ने आदिवासी बहुल कांगपोकपी और सेनापति पहाड़ी में मंगलवार से पूरी तरह बंद किया हुआ है।