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नई दिल्ली: पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना खूंखार आतंकी मसूद अजहर के मौत की खबर आज शाम से ही वायरल हो रही है। हालांकि अभी इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पाक की मीडिया रिपोर्ट में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की मौत का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना की अनुमति के बाद ही मसूद की मौत की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। आतंकी मसूद अजहर 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है।

हाल ही में जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से आतंकी मसूद अजहर के बारे में पूछा गया। तो उन्होंने बताया था कि मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है और बहुत बीमार है। वह इतने बीमार हैं कि अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकता है।

भारत के लिए मोस्टवांटेड आतंकी मसूद अजहर के मरने की खबर आज तेजी से फ़ैल रही है। सोशल मीडिया पर आज अजहर मसूद की मौत की रिपोर्टें खूब चल रही। ट्विटर पर #MasoodAzharDEAD टॉप ट्रेंड कर रहा है। लेकिन अधिकारियों ने उसकी मौत की पुष्टि नहीं की है।

ये तीन वजह हो सकती हैं आतंकी मसूद अजहर की मौत के पीछे !

सूत्रों के मुताबिक आतंकी मसूद अजहर के मौत की खबर आ रही है। अगर ये खबर सही है तो फिर ये तीन वजह हो सकती हैं आतंकी मसूद अजहर की मौत के पीछे की। कयास लगाये जा रहे हैं कि उसकी मौत की इन तीन वजहों में से एक वजह से हुई होगी। नम्बर एक हाल ही में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों (मिराज-2000) ने पाकिस्तान के अन्दर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर जो जबरदस्त तबाही मचाई थी जिसमे 300 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया था शायद उसी में हमले में आतंकी मसूद अजहर भी मारा गया हो। दूसरी अटकल ये है कि जैसे पाकिस्तान खुद बता रहा है कि वह काफी बीमार है। उसकी किडनी ख़राब हो चुकी है। तो फिर हो सकता है कि वह बीमारी की वजह से मर गया हो। और कुछ लोग तीसरी अटकल लगा रहे हैं। कि शायद पाकिस्तान ने उसे कही सुरक्षित ठिकाने में छुपा दिया है और उसके मौत की झूठी खबर फैलाकर आतंकवाद से अपना पल्ला झाड़ रहा हो। कुल मिलाकर जब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती है। तब तक पक्का दावा करना मुश्किल है।

बतादें कि यह मसूद अजहर वही खूंखार आतंकी है जिसे 1994 में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था उअर वर्ष 1999 में कंधार विमान अपहरण कर आंतकियों ने सौदेबाजी कर छुड़ा लिया था। उस समय केंद्र में अटल विहारी वाजपेयी की सरकार थी। उसके बाद से ही यह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना बन बैठा। तब से वह पाकिस्तान में बैठकर भारत पर कई आतंकी हमलों की साजिश रच चुका है. जिनमे भारतीय संसद पर हमले, 2008 में मुंबई हमला और 2016 के पठानकोट में आतंकी हमला, हाल ही में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ फिदायीन हमला मुख्य हैं।

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