Jaya Verma Sinha Becomes First Woman To Be Appointed Railway Board's CEO And Chairperson

Railway Board Woman CEO: भारतीय रेलवे के 186 वर्षों के इतिहास में पहली बार एक महिला रेलवे बोर्ड की सीईओ एवं चेयरपर्सन बनी हैं। यह महिला हैं भारतीय रेलवे प्रबंध सेवा की अधिकारी जया वर्मा सिन्हा। बहुत कम लोगों को पता होगा कि जया वर्मा ने आईपीएस की नौकरी को ढुकरा कर रेलवे का दामन थामा था। जया वर्मा सिन्हा ने नए अध्यक्ष और सीईओ (रेलवे बोर्ड) के रूप में 1 सितंबर, 2023 को पदभार ग्रहण कर लिया है। वह रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष भी हैं।

जया वर्मा सिन्हा का जन्म संगम नगरी प्रयागराज में हुआ। स्कूली शिक्षा से लेकर स्नातक एवं परास्नातक भी उन्होंने प्रयागराज से ही किया। उनके पिता वीबी वर्मा सीएजी ऑफिस में क्लास वन अफसर रहे। इसी तरह उनके बड़े भाई जयदीप वर्मा भी यूपी रोडवेज में क्लास वन अफसर रहे। सेवानिवृत्त होने के बाद फिलहाल वह लखनऊ में ही अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। प्रयागराज में जन्मी जया का पैतृक निवास अल्लापुर स्थित बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम में है। बचपन से ही मेघावी रही जया की स्कूली शिक्षा सेंट मेरी कान्वेंट इंटर कालेज से हुई। उसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी (पीसीएम) की। उन्होंने परास्नातक की पढ़ाई भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही की। यहां से उन्होंने मनोविज्ञान से परास्नातक किया।

IPS नहीं IRTS को चुना

सिविल सेवा परीक्षा 1986 के जरिए उन्होंने सिविल सेवा में प्रवेश किया, यह तो सभी जानते हैं। लेकिन उनके बार में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, जब सिविल सेवा का फाइनल रिजल्ट आया तो जया वर्मा का लिस्ट में रैंक काफी ऊपर था। उन्हें आराम से भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा में स्थान मिल सकता था। लेकिन जया वर्मा ने तो जैसे रेलवे में नौकरी की कसम खाई हो। उन्होंने भारतीय रेलवे में ही नौकरी करने की इच्छा जताई थी। इसलिए उन्हें भारतीय रेल यातायात सेवा में स्थान मिला।

कानपुर सेंट्रल से की थी नौकरी की शुरुआत

जया वर्मा ट्रेनिंग के बाद 1990 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) बनीं। खास बात यह रही कि डेढ़ साल के उनके कार्यकाल के दौरान कभी कर्मचारियों को आंदोलन नहीं करना पड़ा। उस समय सेंट्रल पर चीफ ऑपरेटिंग सुपरवाइजर (सीओएस) रहे जेबी सिंह यूनियन नेता भी थे। वे बताते हैं कि जया वर्मा हर कर्मचारी की समस्याएं सुनती थीं। यथा संभव उनका समाधान भी कराती थीं। इस वजह से उन लोगों को कभी आंदोलन करने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

1988 बैच के रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी हैं सिन्हा

1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी, सिन्हा वर्तमान में रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में काम कर रही हैं। वह ऐसे समय में बोर्ड का प्रभार संभालेंगी जब भारतीय रेलवे को केंद्र सरकार से रिकॉर्ड बजटीय आवंटन प्राप्त हुआ है।

बालासोर हादसे के दौरान जनता और सरकार के बीच सेतु थीं जया

रेलवे बोर्ड की पहली महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और अध्यक्ष के पद पर नियुक्त की गईं जया वर्मा सिन्हा ने हाल ही में हुए बालासोर हादसे के दौरान रेलवे की ओर से बतौर सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) मीडिया से बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी और जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में विस्तार से समझाया था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ीं जया ने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया। बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था। उन्होंने पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया।

रेलवे के कंप्यूटराइजेशन में अहम योगदान

जया वर्मा सिन्हा का रेलवे के कंप्यूटराइजेशन में अहम योगदान रहा है। आपको पता ही होगा कि रेलवे में कंप्यूटराइजेशन की शुरुआत करने वाले माधव राव सिंधिया थे। रेलवे में कंप्यूटराइजेशन को बढ़ावा देने के लिए क्रिस की स्थापना हुई। क्रिस में वह विभिन्न पदों पर रहीं और इस कार्य को खूब आगे बढ़ाया। उन्होंने रेलवे के फ्रेट ऑपरेशन इंफोर्मेशन सिस्टम (FOIS) को भी विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सेवा विस्तार के साथ मिली है नियुक्ति

जया वर्मा सिन्हा का जन्म सितंबर 1963 में हुआ है। इस हिसाब से उनकी सेवानिवृत्ति अगले महीने ही हो जाती। उलेकिन सरकार ने उन्हें नई नियुक्ति के साथ ही सेवा विस्तार भी दिया है। अब वह इस पद पर 31 अगस्त 2024 तक बनी रहेंगी। जया वर्मा सिन्हा को हमारी शुभकामनाएं। हमें उम्मीद है कि वह अपने कार्यकाल में ऐसा कुछ करेंगी, जिसे आने वाली पीढ़ी भी याद करेगी।

भारतीय रेल की स्थापना तो 12 सितंबर 1837 को ही हो गई थी। लेकिन रेलवे बोर्ड की स्थापना 1905 में हुई है। भारतीय रेल का 186 साल का सफर पूरा होने वाला है। इस 186 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जबकि रेलवे बोर्ड की अध्यक्षा के पद पर किसी महिला को तैनाती मिली है। इस  पद पर जया वर्मा सिन्हा (Jaya Varma Sinha) की नियुक्ति हुई है। आज उन्होंने अपना कार्यभार संभाल भी लिया है।