मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा वर्ष 2011 में आयोजित कराई गई संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा से सम्बन्धित मामलों में विशेष न्यायाधीश, ग्वालियर (एमपी) द्वारा गुलाब सिंह पटेल (साल्वर) तथा जितेन्द्र कुमार जाटव (उम्मीदवार) को चार वर्ष की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक को 13,100/- रु. के जुर्माने की सजा सुनाई।
सर्वोच्च न्यायालय के 9 जुलाई 2015 के आदेश के अनुपालन में सीबीआई ने 04 अगस्त 2015 को उक्त मामला दर्ज किया एवं वर्ग –II हेतु संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा – 2011 में परनामधारण के आरोप पर जितेन्द्र कुमार जाटव, गुलाब सिंह तथा अन्यों के विरुद्ध पूर्व में देहात पुलिस स्टेशन, भिण्ड में दर्ज प्राथमिक सूचना रिपोर्ट संख्या 49/2012 के मामले की जॉच को अपने हाथों में लिया।
जॉच के दौरान यह पता चला कि मध्यस्थ व्यक्ति ने एक अन्य व्यक्ति से इच्छुक उम्मीदवार की व्यवस्था करने हेतु सम्पर्क किया, जो कि उसे एक लाख रु. के बदले में व्यापम द्वारा आयोजित की जा रही वर्ग –II हेतु संविदा शाला शिक्षक पात्रता में परनामधारण के माध्यम से चयन सुनिश्चित करवा सके तथा इसके बदले में, मध्यस्थ व्यक्ति ने प्रति व्यक्ति कमीशन के तौर पर 10,000/- रु. देने का वादा किया। उम्मीदवार जितेन्द्र कुमार जाटव के लिए गुलाब सिंह को साल्वर के तौर पर तैयार किया।
जॉच के पश्चात, एएसजे, ग्वालियर के समक्ष 30 जून 2016 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण अदालत ने उक्त आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हे दोषी ठहराया। एक आरोपी की विचारण के दौरान मृत्यु हो गई एवं उसके विरुद्ध आरोप हटा लिए गए।
मिताली चंदोला