Yasin Malik sentenced to life imprisonment

अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग के दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसले के दौरान मलिक कोर्ट रूम में मौजूद रहा। मलिक को दो अपराधों आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना) के लिए दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन मलिक को कुल 8 मामलों में सजा सुनाई गई है। यासीन मलिक की सजा को लेकर पाकिस्तान निगाहें लगाए हुए था।

बता दें कि यासीन मलिक के समर्थक में पाकिस्तान में प्रदर्शन भी किए गए। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने यासीन मलिक का समर्थन किया। अफरीदी ने आतंकी का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, भारत अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए कोशिश कर रहा है। उसे नाकामी ही हाथ लगेगी। यासीन मलिक पर मनमाने आरोप लगाए जाने से कश्मीर की आजादी के संघर्ष पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करता हूं कि कश्मीरी नेताओं के खिलाफ चल रहे गैरकानूनी ट्रायल्स में दखल दें।

वहीं पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट और भारत में राजदूत रह चुके अब्दुल बासित ने भी यासीन मलिक के पक्ष में लिखा। बासित के मुताबिक, यह ज्युडिशियल टेरेरिज्म शर्मनाक है। दुनिया को भारत के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ खड़े हो जाना चाहिए। यासीन को एनआईए कोर्ट पहले ही दोषी करार दे चुका था। एनआईए कोर्ट यासीन मलिक को फांसी की मांग कर रहा था। लेकिन अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। एडवोकेट उमेश शर्मा ने बताया कि यासीन को दो मामलों में उम्रकैद, 10 मामलों में 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

सजा सुनने के बाद यासीन मलिक ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया। ​​​​​​​सजा से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वहीं श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए और वहां भारी फोर्स तैनात है। सुरक्षा के लिहाज से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बैन कर दी गई है। उसके बाद बावजूद श्रीनगर के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुई हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है।