पंजाब में खालिस्तान का समर्थक और वारिस पंजाब डे का प्रमुख अमृतपाल को आज पुलिस ने उसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पिछले कई दिनों से अमृतपाल पंजाब से लेकर केंद्र सरकार को तनाव देने में लगा हुआ था। यह गिरफ्तारियां अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में की गईं। पंजाब पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर इन लोगों को पकड़ा। पंजाब पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर लिंक रोड से होते हुए भाग गया।
पुलिस की करीब 100 गाड़ियों ने लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद उसे जालंधर के नकोदर एरिया से दबोच लिया। हालांकि अभी तक पंजाब पुलिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। इसी बीच पंजाब गृह विभाग ने बताया कि रविवार तक इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दिया गया। भगवंत मान सरकार ने इसके पीछे कानून व्यवस्था का हवाला दिया है। पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थक तलवारें और पिस्तौल लहराते हुए अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाने में घुस गए थे। इस दौरान, अमृतपाल के एक करीबी को छुड़ाने के लिए उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी।
अमृतपाल सिंह, खालिस्तानी मूवमेंट का सबसे बड़ा चेहरा बन गया है। उसके भाषण और स्पीच जमकर वायरल हो रहे हैं। लाखों समर्थकों के बीच अमृतपाल सिंह खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाले ही समझ रहा है। खालिस्तानी साजिश और पंजाब रेफरेंडम को लेकर चलाया जा रहा मूवमेंट तेज हो गया है। पंजाब दशकों तक अशांत रहा है। खालिस्तान मूवमेंट को सुलगाना पाकिस्तान के लिए आसान है। उसे अमृतपाल सिंह का चेहरा भी मल गया है।
खालिस्तान समर्थकों को अब अमृतपाल सिंह एकजुट कर रहा है। कश्मीर पर भारत के खिलाफ भी दुष्प्रचार किया जा रहा है। पंजाब को अशांत करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। अमृतपाल सिंह पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट का चेहरा बन गया है। उसका एजेंडा भारत के खिलाफ है। फिर भी वह जेल से बाहर है, इसे लेकर पंजाब सरकार पर भी लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।