Lakhimpur Kheri Violence: रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद यूपी सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है। इसके अलावा मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। हिंसा में घायल हुए लोगों को भी 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया गया है। किसानों और प्रशासन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में समझौते का एलान किया गया। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत और यूपी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भी मौजूद थे।
लेकिन 4 किसानों समेत नौ लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी तापमान गर्म है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, बसपा और रालोद समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेता मृतकों के परिवारों से मिलने लखीमपुर जा रहे हैं। विपक्षी पार्टी इस घटना के बहाने सत्ताधारी बीजेपी को घेरने का मौका नहीं छोड़ना चाहती। प्रशासन की जबरदस्त नाकाबंदी की वजह से कई दलों के नेता सड़क पर ही भाजपा सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए। वहीं दूसरी ओर पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में इस हिंसा के खिलाफ और किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव समेत कई नेता हिरासत में लिए गए हैं। शिवपाल घर में नजरबंद किए गए थे, लेकिन वह दीवार फांदकर भाग निकले। बाद में उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को भी लखनऊ में घर में नजरबंद किया गया है।
उधर हापुड़ में राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी के समर्थकों ने टोल प्लाजा बैरियर तोड़ दिया। जयंत दौड़ते हुए अपनी गाड़ी में सवार हुए और लखीमपुर खीरी के लिए निकल गए। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और भीम पार्टी के चंद्रशेखर भी लखीमपुर खीरी जाने के लिए निकले। राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता भी जिले में मौजूद हैं।
बता दें कि पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन का प्रभाव अधिकतर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर तक सीमित रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर जरूर उसका असर महसूस किया गया मगर बाकी यूपी में वैसी चर्चा नहीं थी। परन्तु लखीमपुर जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में हुई हिंसा में अब 9 लोगों की मौत के बाद अब यहाँ भी किसान आंदोलन का प्रभाव पड़ेगा।
खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनबीरपुर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का पहले से तय कार्यक्रम था। केशव प्रसाद मौर्य के रूट पर कुछ किसान काले झंडे लेकर खड़े थे, तभी एक जीप ने कुछ किसानों को टक्कर मार दी। लखीमपुर खीरी में फैली हिंसा में अब तक कुल 9 लोगों की जान गई। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने उन किसानों पर कार चढ़ाई थी।
शंभू नाथ गौतम
Govt will give Rs 45 lakhs & a govt job to the families of 4 farmers who died in Lakhimpur Kheri yesterday. The injured will be given Rs 10 lakhs. FIR will be registered based on farmers’ complaint. Retired high court judge will probe the matter: ADG (Law & Order) Prashant Kumar pic.twitter.com/Yoc8pcU0sP
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021