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Law Against Love Jihad in UP:  उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने के तुरंत बाद ही इस कानून के तहत पहला मामला दर्ज हो गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बरेली जिले के देवरनियां थाने में शनिवार रात विवाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने का पहला मामला दर्ज हुआ। एक छात्रा के पिता ने उसके प्रेमी के खिलाफ धर्म परिवर्तन कर शादी का दबाव डालने का केस दर्ज कराया है।

सूचना के मुताबिक देवरनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनकी बेटी से पढ़ाई के दौरान गांव निवासी उवैस अहमद ने दोस्ती कर ली। अब वह बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है। आरोप है कि उन्होंने कई बार युवक को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। पुलिस ने आरोपी शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्रभारी एसएसपी डॉ. संसार सिंह ने बताया कि शनिवार दोपहर ही सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है। और शनिवार रात देवरनिया थाने में इसी कानून के तहत उवैस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि शनिवार दोपहर को ही यूपी सरकार द्वारा विवाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने (लव जेहाद) के खिलाफ बनाये गए नए कानून को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के साथ ही उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 प्रदेश में लागू कर दिया गया।

इससे पहले यूपी कैबिनेट ने बीते 24 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी और उसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। अध्यादेश को 6 माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में मंजूरी दिलानी होगी। अध्यादेश के तहत जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में अब जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध होगा। विवाह के जरिये एक से दूसरे धर्म में परिवर्तन भी कठोर अपराध की श्रेणी में होगा। यह अपराध गैरजमानती होगा। सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा। ऐसे विवाह को शून्य माना जाएगा। अध्यादेश के मुताबिक, किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन से मात्र प्रयोजन के लिए किए गए विवाह पर ऐसा विवाह शून्य की श्रेणी में लाया जा सकेगा।