नई दिल्ली : पिछले वर्ष से नाराज बैठे केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने बुधवार को खुश कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक साल से महंगाई भत्ते में लगी रोक को हटा लिया गया है। बता दें कि पिछले साल कोरोना की शुरुआत में लगी रोक थी। महंगाई भत्ते की तीन किस्तों पर लगी रोक लगाई गई थी। इसके साथ ही तीन किश्तों को मिलाकर 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला हुआ है। अब महंगाई भत्ते की दर वर्तमान के 17 से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को फायदा होगा। बता दें कि महंगाई भत्ते की किस्त हर छह महीने पर जारी की जाती है। एक बार 1 जनवरी से जबकि दूसरी बार 1 जुलाई से लागू होती है। गौरतलब है कि कोरोना की वजह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्त पर रोक लगाई गई थी। तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा जिसमें 1 जनवरी 2020 से फीसदी, 1 जुलाई 2020 से 4 फीसदी और 1 जनवरी 2021 से 4 फीसदी बढ़ोतरी शामिल है। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
कितना मिलता है DA
केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 17% डीए मिलता है। लेकिन, पिछली तीन किस्त को जोड़कर अब यह 28 फीसदी हो जाएगा। जनवरी 2020 में डीए 4 फीसदी बढ़ा था, फिर जून 2020 में 3 फीसदी बढ़ा और जनवरी 2021 में यह 4 फीसदी बढ़ा है। अब इन तीनों किस्तों का भुगतान होना है। पिछले साल, केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए में बढ़ोतरी का ऐलान किया था लेकिन कोविड की वजह से इसे स्थगित कर दिया था। COVID-19 की वजह से वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) में वृद्धि पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की थी।
क्या होता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित हिस्सा होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। पेंशनर्स को महंगाई राहत (DR) भी इसका लाभ मिलता है। डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।
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