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शंभू नाथ गौतम

अगले पांच दिनों बाद यानी 19 जुलाई, सोमवार से शुरू हो रहे संसद के ‘मानसून सत्र’ को लेकर पक्ष और विपक्ष ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कैबिनेट मंत्रिमंडल विस्तार करके नई टीम तैयार कर ली है। ‘मंत्रियों को कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही पीएम मोदी ने उन्हें स्पष्ट संदेश दे दिया था कि मानसून सत्र में सभी पूरी तैयारी करके आएंगे’। सत्र के दौरान मोदी सरकार को ‘टक्कर’ देने के लिए कांग्रेस भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज शाम ‘संसदीय रणनीति समूह’ की अहम बैठक बुलाई है। सोनिया की अध्यक्षता में वर्चुअल तरीके से होने वाली बैठक में जहां एक तरफ संसद सत्र में मोदी सरकार को घेरने की रणनीतियों पर चर्चा होगी, वहीं लोकसभा दल में अहम बदलावों पर भी विचार किया जा सकता है। बैठक में पंजाब-छत्तीसगढ़ में जारी उथल-पुथल के अलावा उत्तराखंड में पार्टी नेतृत्व का मुद्दा भी सुलझाने की बात हो सकती है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान का इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संसद में एक ‘मजबूत चेहरा’ तैयार करना है, जो मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस की ‘आवाज बुलंद’ कर सके। ‘आज होने वाली बैठक से पहले मंगलवार को चुनाव रणनीतिकार माने जाने वाले प्रशांत किशोर और राहुल गांधी की मुलाकात भी अहम मानी जा रही है, दोनों के बीच हुई बातचीत के बाद रणनीति का असर कांग्रेस की बैठक में भी देखने को मिल सकता है’। अभी तक लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्व पश्चिम बंगाल के बहरामपुर सीट से सांसद अधीर रंजन चौधरी करते आए हैं। लेकिन अब हाईकमान को चौधरी की ‘आक्रामकता’ पसंद नहीं आ रही है। वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी चौधरी निशाने पर हैं। बता दें कि बंगाल में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। दूसरी ओर अधीर रंजन चौधरी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच ‘मनमुटाव’ भी गांधी परिवार को अखरने लगा है। इसका कारण कांग्रेस आलाकमान ममता बनर्जी को मोदी सरकार के खिलाफ केंद्रीय स्तर पर साथ लेकर चलना चाहता है। ‘संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस नए नेतृत्‍व के साथ उतर सकती है’। अटकलें तेज हैं कि अधीर रंजन चौधरी की जगह लोकसभा में किसी और को ‘कमान’ दी जा सकती है।

राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाए जाने की अटकलें

यहां हम आपको बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता के तौर पर राहुल गांधी का नाम भी चर्चा में बना हुआ है। हालांकि ज्यादातर कांग्रेसी चाहते हैं यह पद गांधी परिवार में ही रहे। वहीं राहुल गांधी अभी भी परिवार से अलग किसी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की अपनी बात पर ‘कायम’ हैं। अगर यह दबाव बना रहा तो राहुल खुद लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने को तैयार हो सकते हैं। लेकिन इसका फैसला राहुल गांधी को करना है, वह यह पद संभालेंगे या नहीं?  अगर राहुल तैयार नहीं होते हैं तो पंजाब से सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर के नामों पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन थरूर और मनीष पिछले साल अगस्त महीने में सोनिया गांधी को पार्टी में बदलाव को लेकर चिट्ठी लिखने वाले ‘असंतुष्ट नेताओं’ में शामिल रहे हैं। ऐसे में अगर इनके नामों पर सहमति नहीं बनती है तो रवनीत सिंह बिट्टू, गौरव गोगोई और उत्‍तम रेड्डी का नाम भी चल रहा है। इनके अलावा ऐसा भी हो सकता है लोकसभा में नेता के तौर पर कांग्रेस कोई ‘नया चेहरा’ भी सामने प्रकट कर सकती है। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस बढ़ती महंगाई, कोरोना की दूसरी लहर और कोरोना टीकाकरण की सुस्त रफ्तार, किसान आंदोलन, जनसंख्या नीति आदि मुद्दे उठाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही फ्रांस में शुरू हुई राफेल सौदे की जांच के मुद्दे पर भी कांग्रेस नए सिरे से जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) जांच की मांग करेगी। दूसरी ओर मोदी सरकार भी कांग्रेस समेत विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर रही है।