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Ayoddhya Live : भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई है। राम मंदिर निर्माण के लिए पहले शिलाओं का पूजन किया गया। 12 बज कर 44 मिनट पर चांदी की कन्नी से नींव डाली गई। पूजा स्थल पर मुख्यमंत्री योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और नृत्य गोपाल दास मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की, उसके बाद रामलला के दर्शन किए। राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। पूरे विधिवत तरीके से इस भूमि पूजन को संपन्न किया गया और पंडितों को इस भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी की तरफ से दक्षिणा दी गई है।ayoddhya-ram-temple-foundation stone

भूमि पूजन एवं शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान राम और सीता माता की जयकार के साथ अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि करोड़ों रामभक्तों को आज इस पवित्र अवसर पर कोटि-कोटि बधाई। आज इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। पीएम ने कहा कि इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि इस पल पर मेरा यहाँ आना बड़ा स्वाभाविक था। क्योंकि राम के काम किए बिना मुझे कहां चैन मिलने वाला था। पीएम ने कहा कि भारत आज सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है। सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक आज अयोध्या इतिहास रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है। हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वे अपने जीते जी इस पावन दिन को देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर देखा सीधा प्रसारण।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देखा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज अयोध्या में राम मन्दिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। कई वर्षों के संघर्ष के बाद आज यह स्वर्णिम अवसर आया है। देश और अयोध्या में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो काफी समय से अखण्ड रामायण का पाठ एवं रामधुन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर बने, हजारों लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। आज उन हजारों लोगों का संघर्ष स्वरूप ले रहा है। उन्होंने कहा कि 1989 में जब अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए आन्दोलन बहुत तीव्र हुआ था, सब लोग श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए जागरण करते थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 1989 में जब श्रीराम मन्दिर के लिए आन्दोलन चल रहा था, तब लोगों सेे श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए सवा रूपये एकत्रित किये जाते थे, कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए एक पत्थर आपके नाम का भी लग जायेगा। उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव लिवाड़ी-खिताड़ी 18 किमी पैदल चलकर लोग श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए वहां से शिला लाये। श्रीराम मन्दिर के भूमि पूजन से ऐसे लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रचारक मोरोपंतजी पिंगले, अशोक जी सिंघल, महन्त अवैध्यनाथ जी एवं कोठारी बंधुओं ने इस आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री ने अपने स्मरण को साझा करते हुए कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए जब 1989 में आन्दोलन चल रहा था, तब वे मेरठ में थे। भेष बदलकर हमने इस आन्दोलन में भाग लिया था। हमारे साथ हजारों लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उनकी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से वार्ता हुई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र जल्द ही अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे। अयोध्या में जो श्रीराम मन्दिर बनेगा उसका स्वरूप भी देखकर आयेंगे।