आज यानी 27 जुलाई 2018 को सदी का सबसे लंबा और पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इस चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक ने ‘ब्लड मून’ का नाम दिया है। 27 जुलाई पड़ने वाला चंद्र ग्रहण मध्य रात्रि में 11 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। जो भी धार्मिक कार्य करने हों, उन्हें सूतक काल लगने से पहले ही पूर्ण कर लें। पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि 1 घंटे और 43 मिनट की होगी। इस दौरान चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच पृथ्वी आ जाती है। जिससे चन्द्रमा पर सूर्य की सीधी रोशनी नहीं पड़ पाती है।
ऐसे में वायुमंडल से होते हुए कुछ रोशनी चांद पर पड़ती है। सूर्य की रोशनी चांद पर पड़ने से वह हल्का लाल हो जाता है। जब चांद पृथ्वी के ठीक पीछे पहुंचता है तो उसका रंग और गहरा हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। जिस कारण यह ग्रह सर्वाधिक चमकीला और गहरा लाल रंग का दिखेगा। यह चंद्र ग्रहण एक ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटना है जिसमें मंगल ग्रह पृथ्वी और सूर्य एक सीध में हो जाएंगे। इस घटना को खगोलशास्त्र में मंगल ग्रह का अपोजिशन कहा जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह एक दिव्य संयोग माना जा रहा है। इससे पूर्व 16 साल पहले वर्ष 2000 में ऐसा संयोग बना था। इस अवसर पर स्नान और दान-पुण्य का लाभ सामान्य दिनों से कई गुना अधिक प्राप्त होगा। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण का मोक्ष काल समाप्त के बाद दान करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। सूतक 27 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से लग जाएगा।
चंद्र ग्रहण का समय:
ग्रहण का स्पर्श कालः रात 11 बजकर 54 मिनट
खग्रास आरंभः मध्यरात्रि 12 बजे
ग्रहण मध्यः देर 1 बजकर 52 मिनट
खग्रास समाप्तः देर 2 बजकर 43 मिनट
ग्रहण मोक्षः देर 3 बजकर 49 मिनट
चंद्र ग्रहण के दौरान ध्यान रखने वाली मुख्य बातें:
- चंद्र ग्रहण को देखने के लिए सूर्य ग्रहण की तरह चश्मों के साथ देखने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।` चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, इसके आलावा गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं।
- ग्रहण काल के दौरान मल-मूत्र त्याग करने की मनाही है। लेकिन बच्चे, बूढ़े, बीमार और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम लागू नहीं होता है। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान कैंची और सुई जैसी नुकीली चीजों को प्रयोग नहीं करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण पर महासंयोग का आपकी राशि पर असर
- मेष- मेष राशि वाले जातकों को यह ग्रहण शुभफ़लदायक रहेगा।
- वृष- वृष राशि वाले जातकों को यह ग्रहण मध्यम फ़लदायक रहेगा।
- मिथुन-मिथुन राशि वालों को यह ग्रहण अशुभ फ़लदायक रहेगा।
- कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को यह ग्रहण मध्यम फ़लदायक रहेगा।
- सिंह– सिंह राशि वाले जातकों को यह ग्रहण शुभ फ़लदायक रहेगा।
- कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को यह ग्रहण मध्यम फ़लदायक रहेगा।
- तुला- तुला राशि वाले जातकों यह ग्रहण अशुभ फ़लदायक रहेगा।
- वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को यह ग्रहण शुभ फ़लदायक रहेगा।
- धनु- धनु राशि वाले जातकों को यह ग्रहण मध्यम फ़लदायक रहेगा।
- मकर- मकर राशि वाले जातकों यह ग्रहण विशेष अशुभ फ़लदायक रहेगा।
- कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को यह ग्रहण अशुभ फ़लदायक रहेगा।
- मीन- मीन राशि वाले जातकों को यह ग्रहण शुभ फ़लदायक रहेगा।
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