केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस लेने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गई है। बुधवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीनों कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा। इसके बाद किसान आंदोलन की वजह बने तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ये कानून किसानों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संसद की मंजूरी जरूरी होती है, उसी तरह रद्द करने के लिए भी संसद की मंजूरी जरूरी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल पर बहस होगी और वोटिंग होगी। इसके बाद बिल पास होते ही तीनों कृषि कानून रद हो जाएंगे।गौरतलब है कि संसद शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।