Nagaland’s first woman MLA Hekani Jakhalu: पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के विधानसभा चुनाव नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। त्रिपुरा और नागालैंड में भाजपा गठबंधन के साथ सरकार बनाने जा रही है। वहीं मेघालय में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। लेकिन इस बार नागालैंड ने विधानसभा चुनाव में इतिहास रच दिया है। 1963 में नगालैंड राज्य बना, 60 साल गुजरे, 14वीं बार लोग मुख्यमंत्री चुन रहे हैं, लेकिन आज तक किसी भी सीट से कोई महिला विधायक नहीं चुनी जा सकी थी। इस बार ये परंपरा टूट गई।
दीमापुर तृतीय विधानसभा से महिला प्रत्याशी हेकानी जखालू ने जीत दर्ज की है। हेकानी भाजपा और एनडीपीपी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरी थीं। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एजेटो झिमोमी को 1536 वोट से हराया। 47 साल की हेकानी को 14,395 वोट मिले। वे 7 महीने पहले ही राजनीति में आई हैं। इसके अलावा एनडीपीपी और भाजपा गठबंधन की एक अन्य महिला उम्मीदवार सलहूतुनू क्रुसे ने पश्चिमी अंगामी सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार केनेजाखो नखरो को 12 वोटों के मामूली अंतर से हरा दिया।
राज्य में विधानसभा चुनाव में सिर्फ चार महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला था। हेकानी और सलहूतुनू क्रुसे के अलावा कांग्रेस ने टेनिंग निर्वाचन क्षेत्र से रोजी थॉमसन को खड़ा किया था, जबकि काहुली सेमा भाजपा के टिकट पर अटोइजू निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही थीं। हेकानी जखालू को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह तोलुवी गांव में की रहने वाली हैं। वह पूर्वोत्तर की महिलाओं के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार की अकेली प्राप्तकर्ता भी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेकानी का जन्म साल 1976 में नागालैंड के दीमापुर में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई बेंगलुरु के बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान की डिग्री ली। और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया। फिर एलएलएम के लिए सैन फ़्रांसिस्को गईं। जिसके लिए उन्होंने स्टूडेंट लोन भी लिया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूएन में इंटर्नशिप की और फिर भारत लौट आईं। अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली आकर वकील के तौर पर काम किया।
हेकानी जखालू यूथनेट नाम का एनजीओ भी चलाती हैं। वह पेशे से वकील भी हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले 17 सालों से अपने एनजीओ के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वह 1.2 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने में सफल रही हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि जब तक आप सिस्टम में नहीं आते, आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। गौरतलब है कि नगालैंड में अब तक दो महिलाएं ही सांसद चुनी गई हैं।
साल 1977 में रानो मेसे शाजिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर जीत हासिल कर लोकसभा सदस्य चुनी गई थीं। वह नगालैंड से संसद पहुंचने वाली पहली महिला थीं। उसके बाद, पिछले साल बीजेपी ने नगालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में एस. फांगनोन कोन्याक को नामित किया था, जिसके साथ ही नगालैंड से कोई दूसरी महिला संसद पहुंची।
आज आए विधानसभा चुनाव परिणामों में नगालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व में एनडीपीपी गठबंधन को जीत मिलती दिख रही है। रियो ने 2018 चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, 60 सीटों के लिए उपलब्ध रुझानों में एनडीपीपी 24 सीटों पर आगे है। उसकी गठबंधन सहयोगी भाजपा 12 सीटों पर आगे है। एनडीपीपी ने 40 और भाजपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। आयोग की वेबसाइट के अनुसार, एनडीपीपी सुप्रीमो और नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार एस. साचू को 15,824 वोट से हरा दिया है।