युवा

दुनिया भर में युवाओं के कौशल विकास में निवेश के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2014 को ‘15 जुलाई’ का दिन “विश्व युवा कौशल दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिवस का उद्देश्य युवाओं को अधिक से अधिक कौशल विकास के प्रति जागरुक करना है ताकि वे बेहतर अवसरों को तलाश कर रोजगार प्राप्त कर सकें। दुनियाभर में 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस रूप में मनाया जाता है।

पहली बार 15 जुलाई 2015 को विश्व स्तर पर विश्व युवा कौशल दिवस (WYSD) मनाया गया। यह जीवन तथा कार्यों में युवा कौशल के महत्व के एजेंडे के साथ मनाया गया। इस दिन संयुक्त राष्ट्र ने मुख्यालय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां विभिन्न देशों के युवा विज्ञान, कला और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल दिखाने वाले कार्यक्रम में भाग लेते हैं।

भारत में कौशल विकास के लिए उठाये गए कदम

कौशल व उद्यम विकास वर्तमान सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। नवगठित कौशल व उद्यम विकास मंत्रालय की ”मेक इन इंडिया” अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अभियान भारत को एक विनिर्माण केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने के लिए अहम पहल है। विकासशील अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र समेत सभी क्षेत्रों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करने में इस मंत्रालय की अहम भूमिका है।

इस दिशा में उठाये गए सभी उपायों को शामिल करने के लिए एक नयी राष्ट्रीय कौशल व उद्यम विकास नीति भी तैयार की गयी है। इस नीति के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कार्यबल के साथ विकास को बढ़ावा देने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों या युवाओं को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करना है।

भारत में विश्व युवा कौशल दिवस का असर

भारत में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने स्किल इंडिया कैंपेन आरंभ किया है। इसके लिए मंत्रालय ने फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आरंभ की। इसके अतिरिक्त  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन शुरू किया। उन्होंने कौशल विकास और उद्यमिता-2015 के लिए नई राष्ट्रीय नीति का अनावरण भी किया। हालाँकि “विश्व युवा कौशल दिवस” का अभी तक बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। परन्तु उम्मीद है कि भविष्य में इसका सकारात्मक असर जरुर देखने को मिलेगा।

अगले पांच वर्षों में कौशल विकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए इस अवसर पर मॉडल कौशल ऋण योजना भी शुरू की गई, जिसमें 34 लाख युवाओं को 5000 रूपए से 1.5 लाख रूपए तक का लोन उपलब्ध कराने की योजना है।