देहरादून: इक्फाई यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में देहरादून पधारे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि छात्र नए भारत के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। छात्रों को स्वच्छ भारत जैसे राष्ट्रीय महत्व की योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने शिक्षा को रोचक के साथ नये ज्ञान व तकनीक के अनुरूप बनाने पर भी जोर दिया।
शनिवार को आईआईपी के सभागार में आयोजित समारोह का उद्घाटन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया। बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि हमारे देश के विश्व विद्यालय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्व विद्यालयों की सूची में अपना स्थान अब तक नहीं बना पाए हैं। इसे बड़ी चुनौती के रूप लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज दुनिया, सूचना तकनीकी के कारण ग्लोबल विलेज में सिमट रही है। ऐसे में छात्रों को नए ज्ञान तक पहुंचने एवं ग्रहण करने की जानकारी होना जरूरी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज छात्रों के समक्ष अनेक अवसर होने के साथ अनेक चुनौतियां भी हैं। ऐसे में विश्व विद्यालयों को इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को शिक्षा देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जीवन में कई चुनौतियां आती हैं लेकिन इन पर विजय प्राप्त की जा सकती है। जीएसटी लागू करते समय कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की गई लेकिन अब जीएसटी हमारी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर दुनिया में देश का मान बढ़ा है जिसका उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में करना चाहिए। विकास का लाभ गरीब से गरीब लोगों तक पहुचना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को यह महसूस हो कि वह आगे बढ़ते भारत का हिस्सा है। उपराष्ट्रपति ने युवा शक्ति सबसे बड़ी ताकत बताते हुए बड़े सपने देखने व बड़े लक्ष्य रखने के साथ कठिन परिश्रम करने का आह्वान किया। इस मौके पर राज्यपाल डा. केके पाल ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण क्लास रूम में होता है और वहीं से राष्ट्र निर्माण होता है। ऐसे में शिक्षण संस्थाओं और विविद्यालयों को विभिन्न सम-सामयिक चुनौतियों में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी ताकि पढ़ने वाले विद्यार्थी मजबूती से अपने पैरों पर खड़े होकर दुनिया का सामना करें। विश्व विद्यालय का काम सिर्फ डिग्री देना नहीं है, बल्कि ऐसी शिक्षा देना है जो युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बना सके। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। दीक्षांत समारोह केवल एक पड़ाव है, जहां आप अपनी शिक्षा पूरी करके जा रहे हैं। अब छात्रों के सामने समाज के लिए कुछ करने और योगदान देने की बड़ी जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति में देश को बदलने की क्षमता और मुश्किलों पर विजय प्राप्त करने का हौंसला होता है। युवाओं को अपने ज्ञान व शिक्षा के माध्यम से समाज की बेहतरी का मनन करना होगा।
इससे पूर्व समारोह में उपराष्ट्रपति ने एमबीए, बीटेक, बीबीए, एलएलबी एवं बीएड के आठ स्नातकों को गोल्ड मेडल व उपाधि प्रदान की। समारोह में कुल 220 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की जिसमें 24 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए। साथ ही गौरव भण्डारी व हषर्वर्धन कोठारी को पीएचडी की डिग्री दी गई। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत, इक्फाई वि.वि. के चांसलर एम रामचन्द्रन, वीसी डा. पवन अग्रवाल, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी व आयुक्त गढ़वाल शैलेश बगौली आदि मौजूद थे।