thakur-nandan-singh-rawat

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर नंदन सिंह रावत के सोमवार को आकस्मिक स्वर्गवास को चले जाने से आहत उनके मित्र समाजसेवी उदय ममगाईं राठी ने इस पीड़ादायक खबर मिलने के बाद ठाकुर नन्दन रावत के साथ अपने अनुभवों को कुछ इस तरह वयां किया..

ठाकुर नन्दन रावत मेरी जिंदगी के अनमोल दोस्तों में एक थे,  माँ काली का भक्त, भगवान में अटूट विश्वास रखने वाला, हर एकादशी का व्रत रखने वाला, दोस्तों पर हक जताने वाला, ऐसा व्यक्तित्व शायद बहुत कम धरती पर होंगे, तुम्हारी जगह कोई नही भर सकता, 27 जून को यह कहना कि अबे कितनी बार मनाओगे मेरा जन्मदिन, अंतिम अल्फाज आपके “अरे फीवर लग रहा है, डर लग रहा है, मैंने कहा डॉक्टर को दिखाओ, बोले अबे छड़ यार ये डॉक्टर वोक्टर के चक्कर मे नही पड़ना, जिद्दी इंसान तो आप थे ही, तुम्हारे लिए पूरी किताब भी लिखूँ कम पड़ जाएगी, आज आँसू रुके नही रुकते,,,अभी भी लगता है जैसे तुम आवाज दोगे,, बहुत कम लोग होते हैं जिनका चला जाना सबको सदमे में डाल जाता है MISS YOU THAKUR, जिसे मैं खुद महाकाल पुकारता था अब महाकाल के साथ ही चला गया.  ठाकुर नन्दन सिंह रावत के लिए एक छोटी सी कविता..

छोड़कर चला जाना
हमको यूँ रुला जाना
ए ठाकुर ये आदत नही अच्छी।

हर कदम पर समझाना
प्यार अपना जतलाना
फिर क्यों इस तरह मुँह मोड़ा
हम सबको क्यों यादों संग छोड़ा
ए ठाकुर ये आदत नही अच्छी।

चन्द लम्हे पहले अल्फाज तुम्हारे
कानों में हरपल यूँ गूंज रहे
अबे नही कराना मुझे टेस्ट
डर सा लग रहा यूँ तुम कह रहे
तुम्हारी लापरवाही आज सबको रुला रही
हर आंख में आंसू दे जाना ए ठाकुर आदत नहीं अच्छी।

तुम्हारी बेबाक जुबानी
बन गई अब ये कहानी
लम्बे अरसे बाद आज आंसू बहे
हर कोई बस ये बात कहे
छोड़कर चला जाना
हमको यूँ रुला जाना
ए ठाकुर ये आदत नही अच्छी।

कोई एकादशी व्रत तुमने न छोड़ा
माँ काली की चौखट से खुद को जोड़ा
भक्ति में लीन हरपल तुम रहते
चल कैंची धाम मुझसे ये कहते
जन्मदिन इस बार मनाया बाबा की चौखट पर
पहली बार 30 जून को कहा लग रहा है डर।

आज 6 जुलाई इस वक़्त अग्नि को समर्पित हो गए
हरदिल आपके जाने से आहत नयनो में अश्क बहे
मैं अभागा तुझे एक लकड़ी तक नही दे सकता
यही कहूंगा तुम जिंदा हो यादों में कोई भुला नही सकता।

भगवान से प्रार्थना है आपको अपने श्रीचरणों में स्थान दे, आपकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे, उत्तराखण्ड सरकार से अपील की एक मुख्य आंदोलनकारी के परिवार की सुध ले, उनके बच्चों को कहीं न कहीं सरकारी नौकरी देने की कृपा करें, उत्तराखण्ड समाज पूर्णतः परिवार के साथ है और आगे भी रहेगा।

उदय ममगाईं राठी, थलीसैंण