आज हमारी राष्ट्रभाषा के लिए बहुत खास दिन है। आज ‘विश्व हिंदी दिवस’ है। 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है ऐसे ही हर साल 10 जनवरी को दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व में हिंदी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई। विश्व हिंदी दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना व अपनी मातृभाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना है। हिंदी न केवल हमारी राष्ट्रभाषा और मातृभाषा है बल्कि यह राष्ट्र अस्मिता व गौरव का प्रतीक है।
उत्तर भारत में स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पारंपरिक रूप से हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने के लिए वाद-विवाद या कविता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए जागरूकता फैलाना है। पहली बार नागपुर में 10 जनवरी 1975 को विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि। शामिल हुए थे। उसके बाद भारत के बाहर मॉरिशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद, अमेरिका आदि देशों में भी विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए साल 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी।
बता दें कि विश्व हिंदी दिवस 2023 की थीम इस साल की हिंदी दिवस की थीम है ‘हिंदी को जनमत की भाषा बनाना, बगैर उनकी मातृभाषा की महत्ता को भूले। हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ही हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है। अक्सर लोगों को इन दोनों दिनों को लेकर भ्रम रहता है। पहले तो यह जान लें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है जबकि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को आयोजित होता है। विश्व हिंदी दिवस भाषा के वैश्विक प्रचार पर केंद्रित है, जबकि हिंदी दिवस विशेष रूप से भारत में हिंदी की मान्यता पर केंद्रित है।
संविधान सभा ने हम सबको यह संवैधानिक और प्रशासनिक उत्तरदायित्व सौंपा है कि हम संविधान के अनुच्छेद 343 और 351 के अनुसार राजभाषा हिंदी का अधिकतम प्रयोग करते हुए प्रचार प्रसार बढ़ाएं। अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे। 425 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा उनकी पहली भाषा के रूप में बोली जाने वाली, हिंदी आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं में से एक है, जो इंडो-ईरानी भाषाओं की एक शाखा का गठन करती है। संस्कृत की वंशज यह भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है और सात और देशों में आबादी के एक हिस्से द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाती है।