मौजूदा समय में गूगल, एंड्राइड मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के दौर में टेलीविजन का महत्व भले ही थोड़ा सा कम हो गया हो लेकिन करीब एक दशक पहले तक देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में टीवी मनोरंजन और सूचना का सबसे बड़ा माध्यम माना जाता था। एक समय लोगों को ऑफिस और काम करने के बाद घर आने पर सबसे पहले टीवी देखने की छटपटाहट रहती थी। वहीं जिसके घर में टेलीविजन नहीं हुआ करता था वह पड़ोसियों के यहां जाकर धारावाहिक, फिल्में देखते थे। हमारे देश में टीवी केवल जरूरत ही नहीं बल्कि एक मनोरंजन का हिस्सा भी है।
पहले जब किसी के घर में टीवी आता था तो पड़ोसी खुशी के मारे झूम उठते थे और उस टीवी को देखने के लिए पूरा मोहल्ला जुट जाता था। आज सोशल मीडिया का दौर चल रहा हो लेकिन टेलीविजन का महत्व कम नहीं हुआ है। बता दें कि आज की तारीख टेलीविजन दिवस के रूप में जानी जाती है। हर साल 21 नवंबर को दुनियाभर में ‘वर्ल्ड टेलीविजन डे’ मनाया जाता है।
टेलीविजन के अविष्कार ने दुनियाभर में क्रांति ला दी है, ये एक ऐसा शक्तिशाली जनसंचार का माध्यम है जिससे मनोरंजन, शिक्षा, दूर दराज की खबरें और राजनीति से जुड़ी गतिविधियों के बारे में सूचनाएं हासिल होती है। साल 1996 में यूनाइटेड नेशन ने टेलीविजन को आम जिंदगी में बढ़ता देख 21 नवंबर, 1996 को ‘वर्ल्ड टेलीविजन डे’ के रूप में मनाने का ऐलान कर दिया।1975-76 में देश के बेहद अविकसित और दूरस्थ 2400 गांवों के लोगों के लिए सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपैरिमेंट के तहत 1 साल के लिए टेलीविजन प्रोग्राम की शुरुआत की गई।
देश में 15 सितंबर 1959 को दूरदर्शन केंद्र की स्थापना हुई थी
देश में सर्वप्रथम टेलीविजन का प्रयोग 15 सितंबर 1959 को दिल्ली में दूरदर्शन केंद्र की स्थापना के साथ हुआ था, परंतु आमजन में इसका प्रसार 80 के दशक से माना जाता है। बदलती तकनीक व नए-नए अविष्कारों के चलते टेलीविजन में व्यापक परिवर्तन होते रहे। 1982 में पहली बार राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल की शुरुआत हुई। इसी साल देश में पहला कलर टीवी भी आया। 1993 को दूरदर्शन ने विस्तार करते हुए अपना दूसरा चैनल, मेट्रो चैनल के नाम से शुरू कर दिया बाद में पहला चैनल डीडी 1 और दूसरा डीडी 2 के नाम से लोकप्रिय हो गए।
आज 30 से ऊपर राष्ट्रीय व क्षेत्रीय चैनल दूरदर्शन द्वारा देश भर में प्रसारित किए जा रहे हैं। बता दें कि अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन लॉगी बेयर्ड ने साल 1927 में टेलीविजन का आविष्कार किया। दुनिया का पहला टीवी ड्रामा The Queen’s Messenger था जो 11 सितंबर, 1928 को प्रसारित हुआ था। बता दें कि 40 मिनट का लंबा कार्यक्रम टेलीविजन पर प्रसारित होने वाला पहला नाटक था। इसे शेनेक्टैडी, न्यूयॉर्क स्टेशन WGY से प्रसारित किया गया था। लगभग 7 सालों तक टीवी को इलेक्ट्रॉनिक रूप देने की कोशिश चलती रही और आखिरकार साल 1934 में ये पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में आ गया। 2 साल के अंदर ही कई मॉडर्न टीवी के स्टेशन खोल दिए गए। धीरे-धीरे यह एंटरटेनमेंट और न्यूज का अहम हिस्सा बन गया।