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हेप्टाथलॉन (Heptathlon)

हेप्टाथलॉन एक एथलेटिक्स प्रतियोगिता है जिसमें एथलीट दो अलग-अलग ट्रैक और फील्ड इवेंट्स में दो दिनों की अवधि में कुल 7 प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुल मिलाकर हेप्टाथलॉन सात विभिन्न ट्रैक और फील्ड गेम्स से मिलकर बना एक एथलेटिक्स है। जिसमे सात अलग अलग इवेंट्स के पॉइंट्स को जोड़कर फाइनल स्कोर के बाद जिस प्रतियोगी से सबसे ज्यादा अंक होते हैं उसके आधार पर ही विजेता का चुनाव किया जाता है।

हेप्टाथलॉन शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों हेप्टा (सात) + एथ्लोंन (करतब) से मिलकर बना है। हेप्थैथलॉन में हर प्रतियोगी को सात अलग अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेना पड़ता है। हेप्टाथलॉन को पहली बार ओलंपिक में 1984 में शामिल किया गया। हेप्टाथलॉन में दो इवेंट होते हैं- महिला हेप्टाथलॉन और पुरुष हेप्टाथलॉन।

पुरुष हेप्टाथलॉन में 7 इनडोर इवेंट्स होते हैं जबकि महिला हेप्टाथलॉन में 7 आउट डोर  इवेंट्स खेले जाते हैं. जो निम्न प्रकार है

  1. 200 मीटर दौड़, 2. 800 मीटर दौड़, 3. 100 मीटर बाधा दौड़, 4. हाई जम्प, 5. लॉन्ग जम्प, 6. गोला फेंक, 7. भाला फेंक।

प्रतिस्पर्धा के पहले दिन एथलीट 100 मीटर बाधा दौड़, ऊंची कूद, गोला फेंक और 200 मीटर दौड़ इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा करते हैं। तथा प्रतियोगिता के दूसरे दिन वही प्रतिस्पर्धा लंबी कूद, भाला फेंक और अंत में  800 मीटर दौड़ में भाग लेते हैं।

रिक्शाचालक की बेटी स्वप्ना बर्मन पर पूरे देश को है नाज़

प्रतिभा पैसों की मोहताज नहीं होती है यह कथन सिद्ध कर दिखाया देश की बेटी स्वप्ना बर्मन ने। 18वें एशियाई खेलों के 11वें दिन महिला हेप्टाथलॉन इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी स्वप्ना बर्मन ने देश का सर गर्व से ऊँचा कर दिया। पश्चिम बंगाल के बेहद गरीब परिवार से आने वाली स्वप्ना बर्मन का यहाँ तक का सफर मुश्किलों भरा रहा है। स्वप्ना के पिताजी रिक्शा चलते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बीमारी के कारण बिस्तर पर हैं।

स्वप्ना के दोनों पैरों में छह-छह उंगलियां हैं। जिसकी वजह से उसके पांव की अतिरिक्त चौड़ाई होने के कारण सही नाप के जूते मिलना भी मुश्किल हो जाते हैं। जिस कारण ट्रैक और फील्ड खेलों में उसको लैंडिंग में भी मुश्किल आती है। गरीब परिवार से होने के कारण स्वप्ना को अपनी ट्रेनिंग का खर्च उठाना भी मुश्किल हो जाता है। परन्तु असीम प्रतिभा की धनी स्वप्ना ने इतनी मुश्किलों के बाद भी देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर अपना ही नहीं बल्कि पूरे देश का सपना पूरा कर दिया। स्वप्ना ने हेप्टाथलॉन की 7 स्पर्धाओं में कुल 6026 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया।