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आमतौर पर क्रिकेट मे दो ही तरह के स्पिन गेंदबाज देखने को मिलते हैं। एक लेग स्पिनर और दूसरा ऑफ स्पिनर। दोनों ही तरह के गेंदबाज उँगलियों के सहारे बॉल को स्पिन कराते हैं। परन्तु इनके अलावा भी क्रिकेट मे एक और तरह का स्पिन गेंदबाज होता है, जिसे क्रिकेट की भाषा मे चाइनामैन गेंदबाज कहा जाता है। एक ऐसा लेफ्ट आर्म स्पिन गेदबाज जो गेंद को स्पिन कराने (घुमाने) के लिए उँगलियों का नहीं बल्कि कलाई का इस्तेमाल करता है। जिससे गेंद पड़ने के बाद दायें हाथ के बल्लेबाज के लिए अंदर की तरफ और बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर की तरफ टर्न लेती है। क्रिकेट की भाषा मे ऐसे गेंदबाज को चाइनामैन गेंदबाज कहा जाता है। भारत मे कुलदीप यादव इकलौते चाइनामैन गेंदबाज हैं।

जब एक स्पिन गेंदबाज उँगलियां फेरकर बॉल को स्पिन करवाता है तो अक्सर बल्लेबाज उसकी गेंद को पढ़ लेता है कि बॉल टिप्पा पड़ने के बाद किस तरफ टर्न होगी। परन्तु चाइनामैन गेंदबाज, बॉल को स्पिन कराने के लिए उँगलियाँ का नहीं बल्कि कलाई का इस्तेमाल करते है जिसे बल्लेबाज को पढ़ना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए अक्सर बल्लेबाजों को इस तरह के गेंदबाज को खेलने मे दिक्कतें होती हैं।

कहाँ से आया चाइनामैन शब्द और कौन था दुनिया का पहला चाइनामैन बौलर

जब से भारत के स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे कदम रखा है, अक्सर आप लोगों को क्रिकेट मैच के दौरान, टेलीविजन/रेडियो और अख़बारों से चाइनामैन शब्द सुनने एवं पढ़ने को मिलता है। यह शब्द क्रिकेट मे काफी पुराना है वेस्टइंडीज के पूर्व स्पिनर एलिस एचोंग को चाइनामैन गेंदबाजी का जनक माना जाता है। इसके पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है। बात साल 1933 की है जब वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मेनचेस्टर में टेस्ट मैच खेला जा रहा था।

वेस्टइंडीज की टीम में चीनी मूल के एक स्पिन गेंदबाज एलिस अचोंग शामिल थे। जो अपने समय के बेहतरीन स्पिन गेंदबाज थे। इस टेस्ट मे वेस्टइंडीज की टीम ने पहली पारी मे 375 बनाये। जवाब में इंग्लैंड ने 6 विकेट के नुकसान पर 324 रन बना लिए थे। इंग्लिश बल्लेबाज वाल्टर रॉबिन्स और कप्तान डगलस जार्डिन के बीच 140 रन की साझेदारी हो चुकी थी, तभी बाएं हाथ के स्पिनर एलिस एचोंग ने एक रहस्यमयी गेंद फेंकी जो ऑफ स्टंप के बाहर से टर्न होकर वाल्टर रॉबिन्स का स्टम्प्स पर जा लगी। वापस पवेलियन जाते वक्त हक्के-बक्के रॉबिन्स ने एचोंग के लिए अंपायर से कहा, ‘चाइनामैन ने शानदार गेंदबाजी की’ बस यही से चाइनामैन बॉलिंग शब्द लोकप्रिय हो गया और फिर आगे चलकर इस तरह के गेंदबाजों को  चाइनामैन कहा जाने लगा।

अब तक क्रिकेट इतिहास मे ये 6 ‘चाइनामैन’ बॉलर दिखा चुके है अपना कमाल

  1. वेस्टइंडीज के एलिस अचोंग: चीनी मूल के स्पिनर एलिस एचोंग को चाइनामैन गेंदबाजी का जनक माना जाता है। एलिस ने वेस्टइंडीज के लिए 8 टेस्ट मैच खेले। टेस्ट खेलने वाले चीनी मूल के पहले क्रिकेटर अचोंग बाएं हाथ के स्पिनर थे।
  2.  वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स: वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर सर गैरी सोबर्स क्रिकेट के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शामिल हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 235 विकेट लिए। सोबर्स बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज थे।
  3. इंग्लैंड के जॉनी वार्ड्ले: क्रिकेट के इतिहास में इंग्लिश गेंदबाज जॉनी वार्ड्ले को सबसे कौशलपूर्ण स्पिनर माना जाता था। वार्ड्ले ने सिर्फ 25 टेस्ट खेले। वार्ड्ले इंग्लैंड के अब तक में एकमात्र चाइनामैन गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने कुल 102 टेस्ट विकेट लिए।
  4. ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग : क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल चाइनामैन गेंदबाजों में से एक ब्रैड हॉग ऑस्ट्रेलिया की 2003 और 2007 विश्व कप विजेता टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 7 टेस्ट मैच व 124 वन डे मैच खले हैं जिसमे क्रमश: 17, 157 विकेट हासिल किये हैं।
  5. दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स: क्रिकेट जगत में पॉल एडम्स को गेंदबाजी एक्शन के लिए जाना जाता है. चाइनामैन कला से बॉलिंग करने वाले पॉल एडम्स बल्लेबाजों को काफी परेशान किया, लेकिन चोट की वजह से उनका कॅरिअर लंबा नहीं खींच पाया. पॉल एडम्स ने 45 टेस्ट में 134 विकेट लिए।
  6. कुलदीप यादव: कुलदीप यादव भारत के इकलौते चाइनामैन गेंदबाज हैं। बाएं हाथ के गेंदबाज कुलदीप बताते हैं कि उन्‍हें इस तरह की गेंदबाजी की कोई प्रैक्‍टिस नहीं की। वह पहले दिन से ही इसी तरह की गेंदबाजी करते आए हैं। आजकल उन्होंने अपनी गेंदबाजी से अंग्रेजों की नाक मे दम कर रखा है।