मेरठ : गढ़वाल सभा मेरठ में मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर गढ़वाल सभा भवन में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में अध्यक्ष  प्रेम सिंह नेगी,महामंत्री विजेंद्र ध्यानी एवं समस्त कार्यकारिणी एवं सदस्यों ने आज प्रातः तिरंगा फहराया।  इस अवसर पर अपने संबोधन में  अध्यक्ष  एवं महामंत्री ने सभी लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए शहीदों को नमन किया।

दोपहर बाद गढ़वाल सभा भवन में स्वतंत्र दिवस के अवसर पर छात्राओं एवं उत्तराखंड की महिलाओं के द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्शकों का मन मोह लिया।  सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच-बीच में हाईस्कूल ,इंटर एवं स्नातक स्तर पर बेहतर अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र छात्राओं को संस्था के द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

पुरस्कार पाकर छात्राओं के चेहरों पर हल्की मुस्कान दिखाई दे रही थी। सांस्कृतिक पुरस्कारों से उत्साहित छोटे-छोटे बच्चों के  द्वारा अध्यक्ष और महामंत्री के पास आकर उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।  अंत में गढ़वाल सभा मेरठ के द्वारा करवाई गई स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी चयनित सभी छात्रों को कार्यकारिणी के द्वारा ट्रॉफी  देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक मंत्री मधु रावत के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड  सभा के अध्यक्ष प्रेम सिंह नेगी ने बड़ी संख्या में छात्रों के इस प्रकार के कार्यक्रम में भाग लेने पर छात्रों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। वही महामंत्री विजेंद्र ध्यानी ने शहीदों के बलिदान को  याद करते हुए छात्र-छात्राओं ,महिलाओं एवं उत्तराखंड जनमानस  के इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होने पर सभा के द्वारा उनका आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष सत्येंद्र भंडारी, उपाध्यक्ष कैप्टन वीर सिंह नेगी, उप कोषाध्यक्ष विजय नेगी, मंत्री वीरेंद्र सिंह नेगी, संगठन मंत्री विक्रम सिंह नेगी, सांस्कृतिक मंत्री मधु रावत, दिनेश बहुखंडी प्रचार मंत्री, दाता राम धस्माना लेखा परीक्षक, विनोद बिष्ट वैधानिक सलाहकार आदि मौजूद रहे।