गंगा दशहरे पर आज देश के विभिन्न राज्यों से देवनगरी हरिद्वार पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाकर पवित्र स्नान किया। आज सुबह से हरिद्वार के गंगा घाट हर हर गंगे के जयघोष से गूंजने लगे। आज सुबह से गंगा स्नान शुरू हो गया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया श्रद्धालुओं की भीड़ वैसे-वैसे गंगा घाटों पर उमड़ने लगी।  हिन्दू समाज में गंगा दशहरा पर्व का खास महत्व है. यह हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाई जाती है. इस साल गंगा दशहरा, मलमास जिसे कई लोग अधिकमास भी कहते हैं, महीने में आया है. ऐसी मान्यता है कि राजा भागीरथ के कठिन तप के बाद ही धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था. आज के दिन गंगा स्नान और गंगा पूजन करने वाले व्यक्ति के ना केवल पाप नष्ट होते हैं, बल्कि उसकी मन की मुराद भी पूरी हो जाती है. जिन लोगों को संतान नहीं है, उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है. गंगा दशहरे के दिन पितृ-तर्पण का भी विशेष महत्व है। अनेक घाटों पर श्रद्धालुओं ने पित्रों को तर्पण दिया। गंगा के घाटों पर भक्तों ने पुरोहितों और पंडितों से धरती पर गंगा अवतरण की कथा भी सुनी। वहीं स्नान के मद्देनजर गंगा तट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। सभी घाटों पर पुलिस बल के साथ गोताखोर भी तैनात हैं। गंगा स्नान शुभ मुहूर्त ऋषि स्नान: प्रात: काल 4:15 से सुबह 5:25 बजे एवं सामान्य स्नान: सुबह से शाम तक है