देहरादून: बच्चों को घर पर अकेले छोड़ना कभी कभी कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुए इस दुखद हादसे से समझा जा सकता है। यहाँ छोटी बहन के साथ खेल रहे एक 12 साल के मासूम के लिए कुत्ते के गले का पट्टा मौत का फंदा बन गया। घटना पटेलनगर थाना क्षेत्र के मेहुवाला की है। घटना के वक्त बच्चे के माता-पिता घर पर नहीं थे।
जानकारी के मुताबिक घटना पटेलनगर के मेहूंवाला की है। यहां पर कुलदीप सिंह अपने पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते हैं। वह ऑटो चलाते हैं। कुलदीप शुक्रवार सुबह ऑटो चलाने के लिए निकल गए थे। शाम को उनकी पत्नी भी बाजार चली गई। घर में उनका 12 वर्षीय बेटा कार्तिक और 10 साल की बेटी ही मौजूद थी। दोनों घर के बेडरूम में खेल रहे थे। खेल-खेल में कार्तिक ने कुत्ते का पट्टा उठाया और अपने गले में डाल दिया। कार्तिक ने इस पट्टे को दरवाजे के ऊपर से फेंका तो इसका दूसरा छोर दूसरी तरफ कुंडे में फंस गया। कार्तिक जरा नीचे हुआ तो यह कस गया और वह तड़पने लगा। बहन ने फंदे को पहले तो गले से खोलना चाहा और फिर दरवाजे के पीछे कुंडे से खोलने का प्रयास किया। मगर असफल हो गई। फिर चिल्लाते हुए घर से बाहर निकली तो पड़ोसी पहुंचे। उन्होंने कार्तिक के गले से फंदा उतारकर बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस मोर्चरी पहुंची। बच्चे का शव देखने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया। मामले को गंभीर मानते हुए पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
एसएचओ पटेलनगर सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि आशंका है कि बच्चे का पैर फिसलने से यह फंदा लगा होगा। घटना के वक्त केवल बच्ची ही कार्तिक के साथ थी। उससे बात करने का प्रयास किया गया लेकिन वह बात करने की हालत में नहीं है। उससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर यह घटना कैसे हुई। लेकिन, अभी वह अपने भाई को याद करते हुए ही रो रही है। बच्चे की मां बेसुध हालत में है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।