कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 18वीं बैठक संबंधित वैज्ञानिकों एवं कृषकों की उपस्थिति में केंद्र के सभागार में डॉ अनिल कुमार शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र डॉ सी तिवारी द्वारा वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सभी सदस्यों का स्वागत किया गया तथा केंद्र की वित्तीय वर्ष 2022 की प्रगति रिपोर्ट को विस्तार से क्रमवार पटल पर रखा तथा वित्तीय वर्ष 2023 हेतु आगामी कार्य योजना प्रस्तुत की गई। केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ बलवान सिंह, डॉ दीपाली टी पांडे, डॉ कंचन नैनवाल, डॉ वीके सिंह एवं डॉ सुधा जुकारिया द्वारा बीते वर्ष 2022 में विभिन्न कृषि, पशुपालन, उद्यान, सस्य विज्ञान, मत्स्य एवं गृह विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्यों का विवरण एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2023 में किए जाने वाले कार्ययोजनाओं को प्रस्तुत किया गया।

अपने संबोधन में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ अनिल शर्मा ने कहा कि कार्ययोजनाओं को कृषकों के लिए अनुकूल और अधिक लाभदायक बनाने के लिए कृषि के प्रत्येक आयामों से संबंधित मास्टर ट्रेनर तैयार करने तथा कृषि प्रदर्शनों के अंतर्गत उत्तम प्रजाति के बीजों का चयन कर स्थानीय प्रजाति के बीजों के साथ उत्पादन परिणाम के साथ तुलनात्मक विश्लेषण कर आंकड़े प्रस्तुत करने का सुझाव दिया। केंद्र प्रभारी डॉ तिवारी ने कृषि को पर्यटन से जोड़कर कृषि पर्यटन को बढ़ावा देकर नवीनतम तकनीकों को समाहित कर प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। पत्थरचट्टा के उद्यान विशेषज्ञ डॉ ए के सिंह ने क्षेत्र की जलवायु फलों के उत्पादन अनुकूल होने के पर उत्पादन केंद्र फलों का मदर ब्लॉक स्थापित किया जा सकता है।

वरिष्ठ मत्स्य वैज्ञानिक आईसीएआर डॉ नित्यानंद पांडेय ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से जनपद के मत्स्य पालकों की आय के साधन बढ़ाने के प्रशिक्षण दिया जाना संभावित है। मुक्तेश्वर से पहुंचे उद्यान विशेषज्ञ डॉ अरुण कुमार द्वारा पुराने वृक्षों के जीर्णोद्धार करने के लिए कृषकों को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाना चाहिए। सब्जी पौधरोपण के लिए सीड ड्रिल ट्रांसप्लांटर का प्रयोग करने के बारे में तकनीकी जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र के मत्स्य विशेषज्ञ डॉ वीके सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु के अनुरूप मछली पालन की नई प्रजातियों का आकलन किया जा रहा है। डॉ सुधा जुकारिया ने सुझाव दिया मोटे अनाजों का मूल्य संवर्धन व्यंजन बनाकर किया जा सकता है इसके लिए पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बैठक में उपस्थित  महिला कृषक गीता जीना द्वारा मशरूम उत्पादन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में बताया गया। मधु देवी द्वारा मोमबत्ती निर्माण को वरीयता देने की बात कही गई, पुष्कर जोशी द्वारा मुर्गी पालन की विशेष प्रजाति ककड़नाथ के अंडों की गुणवत्ता की वजह से अधिक आए हो रही है। डॉ जितेंद्र क्वात्रा संयुक्त निदेशक प्रसार, कुमाऊं मंडल एवं डॉ संजय चौधरी संयुक्त निदेशक प्रसार (अनुश्रवण) द्वारा कृषकों को कृषि संबंधित बहुमूल्य जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कंचन नैनवाल ने किया। डॉ शशि तिवारी, विमल शर्मा, कमला सत्यपाल, महिपाल लोहनी आदि का विशेष सहयोग रहा।