कल्जीखाल : कोरोना वायरस COVID-19 के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन का तीसरा चरण शरू होने वाला है। लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों के लोग अपने घरों से दूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं। ऐसे ही एक मामला देश के दूरस्थ सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख का है। जहाँ की दो छात्रायें हेमवतीनंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय के पौडी परिसर में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। लॉकडाउन से पहले ये दोनों छात्राएं अपनी सहेली शिवनी भट्ट के साथ उनके निवास कांसखेत घूमने आयी थी। परन्तु अचानक लॉकडॉउन हो जाने से इस दोनों छात्राओं को कांसखेत में ही रुकना पड़ गया। तब से एक महीने से भी अधिक समय बीत गया है, और तभी से भट्ट परिवार ने इन्हें अपने बच्चों की तरह अपने घर पर रखा हुआ है और अतिथियों की तरह इनकी सेवा मे लगे हुए हैं। आज कल्जीखाल ब्लॉक प्रमुख बीना राणा ने दोनो छात्राओं से कांसखेत जाकर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अपनों से दूर रह रही इन छात्राओं के चेहरे पर कोई चिंता या भय के भाव नहीं हैं। वे यहाँ पर खुश दिखाई दे रही हैं। ब्लॉक प्रमुख बीना राणा ने लॉकडाउन की वजह से कांसखेत में फंसे करीब दो दर्जन से ज्यादा कश्मीरी आराक्ससियों से भी सम्पर्क किया जो क्षेत्र में लकड़ी चिरांन का कार्य करते थे औऱ लॉकडॉउन की वजह से यहीं फंसे हुए है। यहाँ के स्थानीय लोग इन बाहरी मजदूरों की पूरी मदद कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे है।
जगमोहन डांगी की रिपोर्ट