Gaurikund Landslide: उत्तराखंड के गौरीकुंड में भूस्खलन से हुए हादसे में लापता लोगों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। अब तक तीन शव बरामद हुए हैं, जबकि बाकियों की तलाश जारी है। है। कल सुबह मंदाकिनी नदी में रेस्क्यू अभियान चलेगा। हादसे का मुख्य कारण चट्टान टूटने से दुकानों पर गिरा मलबा और बोल्डर बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ी पर स्थित चट्टान के एक हिस्से में देर रात करीब 11 बजे ब्रजपात हुआ था। देखते ही देखते पहाड़ी से बोल्डर छिटक गए और सीधे नीचे रास्ते किनारे स्थित तीन दुकानों पर गिर गए। बोल्डर इतने भारी थे कि दुकानों का कुछ अता-पता नहीं चला। दुकान समेत लोग सीधे नदी में जा गिरे।
सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के किनारे में जहां पर ये दुकानें थे, वहां से मंदाकिनी नदी की दूरी बेहद कम है। ऐसे में पहाड़ी से आए बोल्डर एक साथ दुकानों को तोड़ते हुए नदी में जा गिरे। जो लोग दुकानों के अंदर थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला। पहाड़ी से गिरे भारी भरकम बोल्डर सड़क में न गिरते हुए सीधे दुकानों पर गिरे। नदी से दुकानों की दूरी काफी नजदीक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार सुबह औचक निरीक्षण करने के लिए आपदा प्रबंधन के कंट्रोल रूम में पहुंचे जहां उन्होंने आपदा कंट्रोल रूम में तमाम मौजूद अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने गौरीकुंड में दुखद हादसे को लेकर दुख जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि, जो भी संभव सहायता हो वह सहायता की जाए। उन्होंने आगे कहा कि कई लोग इस घटना में लापता हैं जिनका रेस्क्यू चलाया जाए। साथ ही ड्रोन के द्वारा भी उचित मॉनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक जो जानकारी उन्हें मिली हैं, उसके तहत 8 लोग नेपाल मूल के बताए जा रहे हैं। उसके साथ ही प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जानकारी जुटाई जा रही है कि जो भी लोग लापता हैं, वो कहां के रहने वाले थे। और असल में कितना नुकसान हुआ है।
लापता लोगों में अधिकांश नेपाली मूल के लोग हैं। जो तीन शव बरामद हुए हैं, उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पाई है। जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन की ओर से ड्रोन द्वारा भी सर्च अभियान चलाया गया, जबकि संयुक्त टीम ने सर्च अभियान गौरीकुंड से अगस्त्यमुनि तक चलाया। रेस्क्यू टीम में एनडीआरएफ के 12, एसडीआरएफ के 15, डीडीआरएफ के 10, वाईएमएस 6, पुलिस एवं होमगार्ड के 25 जवान मौजूद हैं।
गौरीकुंड में हादसे में मृतक और लापता लोगों की सूची
- आशु उम्र 23 साल निवासी जलई।
- प्रियांशु चमोला S/O कमलेश चमोला 18 साल निवासी तिलवाड़ा।
- रणबीर सिंह 28 साल निवासी बस्टी।
- अमर बोहरा S/O मान बहादुर बोहरा निवासी नेपाल।
- अनिता बोहरा W/O अमर बोहरा 26 साल निवासी नेपाल।
- राधिका बोहरा D/O अमर बोहरा 14 साल निवासी नेपाल।
- पिंकी बोहरा D/O अमर बोहरा 8 साल निवासी नेपाल।
- पृथ्वी बोहरा S/O अमर बोहरा 7 साल निवासी नेपाल।
- जटिल S/O अमर बोहरा 6 साल निवासी नेपाल।
- वकील S/O अमर बोहरा 3 साल निवासी नेपाल।
- विनोद S/O बदन सिंह 26 साल निवासी खानवा भरतपुर।
- मुलायम S/O जसवंत सिंह 25 साल निवासी नगला बंजारा सहानपुर।
- सुगाराम S/O जोरा सिंह 45 वर्ष निवासी नेपाल
- बम बोहरा S/O सतर सिंह बोहरा 31 वर्ष निवासी नेपाल
- चंद्र कामी S/O लोउडे कामी 26 वर्ष निवासी पेरिया नेपाल
- धर्मराज S/O मुन बहादुर 56 वर्ष निवासी जुमला नेपाल
- नीर बहादुर S/O हरि बहादुर रावल 58 वर्ष निवासी नेपाल
- सुमित्रा देवी W/O नीर बहादुर 52 वर्ष निवासी नेपाल
- कुमारी निशा D/O नीर बहादुर 20 वर्ष निवासी नेपाल
- रोहित बिष्ट S/O लक्ष्मण सिंह निवासी उतस्यू चोपड़ा
दुर्भाग्य से रुद्रप्रयाग जिला देश के 10 सबसे अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में से पहले नंबर पर है। इसकी तस्दीक पिछले तीन-चार दशकों के दौरान जिले में भूस्खलन की वे बड़ी घटनाएं हैं, जिनमें हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए। 2013 में केदारनाथ में हुए भूस्खलन और बाढ़ में 4500 लोग मौत के आगोश में सो गए थे।
जनपद रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में भारी बरसात के कारण भूस्खलन होने से जन-धन को क्षति पहुंची है। आपदा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। सरकार पूरी तरह से आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 4, 2023