National Adolescent Health Program: राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखंड खिर्सू में पांच दिवसीय प्रशिक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी रावत, प्रधानाचार्य सुमन लता पंवार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी उदयराम भट्ट, बी आर सी मुकेश काला द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्रशिक्षण में 21 माध्यमिक विद्यालयों के 42 प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापकों द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया जा रहा है। एमटी अमर सिंह नेगी, आशा रावत, अर्चना और डॉ० अतुल उनियाल द्वारा पाँच दिवसीय प्रशिक्षण में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तक सीमित होने से, इसमें अब पोषण, चोटें और हिंसा (लिंग आधारित हिंसा सहित), गैर-संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य और मादक द्रव्यों के सेवन को शामिल किया गया है।
खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) का उद्देश्य किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े सूचित फ़ैसले लेने में मदद करना, किशोरों में पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और यौन और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करना, किशोरों में गैर-संचारी बीमारियों जैसे कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक को रोकने के लिए व्यवहार में बदलाव लाना, किशोरों में मादक पदार्थों के सेवन और लिंग आधारित हिंसा को रोकना, किशोरों में भागीदारी और नेतृत्व, समता और समावेशन और लैंगिक समानता को बढ़ाना है।
सन्दर्भदाता के रूप में डॉ अतुल उनियाल ने कहा कि इसमें 10 से 19 साल के सभी किशोर शामिल हैं, चाहे वे स्कूल में हों या न हों, लड़के-लड़कियां, विवाहित-अविवाहित, गरीब-अमीर सभी इस कार्यक्रम के तहत, किशोरों को कई तरह की सेवाएं दी जाती हैं, जैसे कि: हर हफ़्ते आयरन और फ़ॉलिक एसिड (IFA) की गोली देना, हर दो साल में एक बार कृमि मुक्ति देना।
सन्दर्भ दाताओं द्वारा सुगमकर्ता के रुप में विभिन्न गतिविधियों एवं केस स्टडी पर चर्चा करते हुए भावनात्मक कल्याण और मानसिक स्वास्थय, पारस्परिक सबन्ध, मूल्य एवं जिम्मेदार नागरिकता, जेंडर समानता, पोषण स्वास्थय और स्वच्छता, पदार्थ के दुरुपयोग की रोकथाम और प्रबन्धन, स्वस्थ जीवन शैली को बढावा देना, प्रजनन स्वास्थ्य और एच वाई की रोकथाम, हिंसा और चोट के खिलाफ सुरक्षा और इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग को बढावा देना।
मादक द्रव्य पर आधारित गतिविधियो में शिक्षक जीतेन्द्र मैठाणी, संदीप कोहली और नमिता कठैत द्वारा नाटक के माध्यम से सुन्दर प्रस्तुति का मंचन किया गया। इसके प्रस्तुतीकरण से विद्यालयो में मादक पदार्थो के दुष्प्रभावों को सजीवता के साथ प्रस्तुत किया जा सकता।