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उद्धमसिंह नगर: उत्तराखण्ड के ऊधमसिंहनगर जनपद के अंतर्गत पतरामपुर में जमीन के नीचे दबा कर रखी गई 555 जिंदा मिसाइलों को नष्ट करने के लिए लखनऊ से सेना की एक टीम पंहुच गई है। प्रशासनिक, पुलिस, वन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पांच सदस्यीय टीम की देखरेख में सेना ने गुरुवार से सभी 555 जिंदा मिसाइलों को निष्क्रिय करने की यह कार्रवाई शुरू कर दी है। इन मिसाइलों को यहां से निकालकर हजीरों गांव में फीका नदी क्षेत्र में नष्ट किया जा रहा है।

बता दें कि काशीपुर की चीनी मिल स्थित एसजी स्टील फैक्ट्री में ईरान से आयात स्क्रैप में बड़ी तादात में मिसाइलें भी आ गई थीं। 21 दिसंबर वर्ष 2004 को फैक्ट्री में स्क्रैप गलाने के दौरान स्क्रैप में लाई गई एक मिसाइल के फटने से फैक्ट्री के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि कई मजदूर घायल हो गए थे। जांच करने पर पता चला कि स्क्रैप में 67 बड़ी और 488 छोटी मिसाइलें हैं। इसके बाद फैक्ट्री परिसर से बरामद 555 जिंदा मिसाइलों को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पतरामपुर पुलिस चौकी के पीछे जमीन में दबा कर रख दिया था। तब से लेकर अब तक जिला पुलिस को बजट और जरूरी उपकरणों के अभाव के कारण जमीन में दफन 555 जिंदा मिसाइलों को नष्ट करने में काफी दिक्कत आ रही थी। इस बीच ऊधमसिंहनगर में जमीन के नीचे दबाकर रखे गये मिसाइलों को लेकर तनाव भी था।

बाद में एसएसपी डा.सदानंद दाते ने मिसाइल निष्क्रिय करने को पीएचक्यू को पत्राचार किया था। शासन से भी मिसाइल निष्क्रिय करने के लिए अनुमति मिलने पर सेना के मुख्यालय से संपर्क किया गया। शासन के पत्र के संदर्भ में बृहस्पतिवार को सेना के मध्य कमान से कैप्टन विकास मलिक के नेतृत्व में टीम पतरामपुर पहुंची। टीम ने खुदाई स्थल की नाकेबंदी के लिए एक प्लाटून पीएसी तैनात की थी। यहां से मिसाइलें निकालकर हजीरों गांव में फीका नदी क्षेत्र में नष्ट किया जा रहा है। इस कार्य के लिए जिला पुलिस एवं प्रशासन की ओर से परिवहन सहायता के अलावा मिट्टी के बैग, तार और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई। दमकल की टीम को भी वहां तैनात किया गया है। मिसाइलों को नष्ट करने की प्रक्रिया अगले एक सप्ताह तक चलेगी।