रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ हाईवे पर चट्टान टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया है। आल वेदर रोड की कटिंग के दौरान चटटान टूटने से करीब 16 से अधिक मजदूर मलबे के नीचे दब गए हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार अब तक 7 शव मलबे में से निकाल लिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।
बता दें कि इन दिनों उत्तराखण्ड के चार धामों में आल वेदर रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी दौरान यह हादसा हुआ। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे पर बांसवाड़ा में चट्टान टूटने से कई मजदूर मलबे में दब गए। हादसे में अभी तक सात मजदूरों की मौत हो चुकी है जबकि तीन गंभीर घायल हैं।
सूचना के मुताबिक उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग से करीब 22 किलोमीटर दूर रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा के पास शुक्रवार करीब दोपहर साढ़े 12 बजे अचानक एक पहाड़ी का हिस्सा टूटकर ऑल वेदर रोड का कार्य करने वाले मजदूरों पर गिर गया। मलबे के नीचे कई मजदूरों के दबने की आशंका है, वहीं एक जेसीबी मशीन के नदी में गिरने की खबर भी है। सूचना पर पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया गया। हादसे में 16 से ज्यादा मजदूर मलबे में दबे हुए बताये जा रहे हैं। हादसे में अभी तक सात मजदूरों की मौत हो चुकी है जबकि तीन गंभीर घायल हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रप्रयाग भूस्खलन हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रप्रयाग जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 107 के स्थान भीरी व बांसवाड़ा के मध्य भूस्खलन हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में मृतक श्रमिकों की आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर द्वारा तुरंत घटनास्थल पर हैलीकाप्टर भेजा गया। हैलीकाप्टर से गम्भीर रूप से घायल 2 श्रमिकों को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश लाया गया है। इससे पूर्व घटना की जानकारी मिलते ही रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी, एसएसपी मौके पर पहुंचे। राजस्व, पुलिस, एसडीआरएफ व आपदा की टीमों द्वारा राहत व बचाव कार्य किए गए।