Joshimath landslide : सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की बुधवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रूपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित कर दी गई है।
सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में भू-धंसाव और पानी के रिसाव की असल वजह पता लगाने के लिए अलग-अलग आठ संस्थानों के एक्सपर्ट वहां पर काम कर रहे थे, जो गहराई से जोशीमठ के ताजा हालात का अध्ययन कर रहे थे। डॉ. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप (NDMA) दी है। रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आया है, इसको लेकर शासन स्तर पर 27 जनवरी को अधिकारियों की एक बड़ी बैठक होनी है। विशेष तौर पर यह बैठक जोशीमठ आपदा को लेकर गठित की गई शासन स्तर की कमेटी द्वारा की जा रही है।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है। ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी है। सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 181 एलपीएम हो गया है। पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 286 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 957 है।